- विवाद के कारण नहीं तय हुए ग्वालियर और भिण्ड के प्रत्याशी, इंदौर और धार के प्रत्याशियों का भी इंतजार
शिवपुरी। कल कांग्रेस ने सात उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसमें प्रदेश की तीन लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। गुना से फिर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया गया है। राजगढ़ से मोना सुस्तानी और विदिशा से शैलेंद्र पटेल को टिकट दिया गया है, लेकिन कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के कारण ग्वालियर और भिण्ड के प्रत्याशियों के नाम अभी तय नहीं हो सके हैं। इंदौर और धार के प्रत्याशियों के नाम भी अभी घोषित नहीं किए गए हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि कांग्रेस आज अपनी आखिरी सूची जारी कर सकती है।
गुना शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया परिवार की परंपरागत सीट है। इस परिवार के सदस्य चाहे किसी भी दल से अथवा निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरे वह विजयी होते रहे हैं। सिंधिया परिवार के सदस्य के चुनाव न लडऩे पर वह जिस भी प्रत्याशी पर हाथ रखते हैं जीत उसे हासिल होती है। 1952 के बाद से आज तक इस सीट पर 6 बार राजमाता विजयाराजे सिंधिया और चार चार बार उनके सुपुत्र स्व. माधवराव सिंधिया तथा नाती ज्योतिरादित्य सिंधिया जीत चुके हैं। इस सीट से आचार्य कृपलानी जैसे इस क्षेत्र के लिए अजनबी प्रत्याशी को राजमाता सिंधिया चुनाव जिता चुके हैं। आचार्य कृपलानी से जब लोकसभा में पूछा गया कि वह कहां से चुनकर आए हैं तो वह अपने क्षेत्र का नाम बताना भी भूल गए। सिंधिया परिवार के सदस्य जनसंघ से लेकर निर्दलीय और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतते रहे हैं। इसके बाद भी अभी तक कांग्रेेस द्वारा गुना सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा न किए जाने से ऐसा लग रहा था कि सिंधिया को गुना की सुरक्षित सीट के स्थान पर इंदौर जैसी भाजपा की मजबूत सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। लेकिन चुनाव के काफी पहले से ही सिंधिया ने क्षेत्र में अपने पक्ष में पूरी कसावट कर ली थी। उनकी पत्नि प्रियदर्शनी राजे लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं। इससे ऐसा भी लग रहा था कि यदि सिंधिया ग्वालियर या इंदौर जैसी सीट से चुनाव लड़ते हैं तो प्रियदर्शनी राजे को भी यहां से चुनाव लड़ाया जा सकता है। गुना सीट से सिंधिया की उम्मीदवार की घोषणा कल रात में हुई, लेकिन उसके एक दिन पहले ही प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्पष्ट रूप से घोषणा कर दी थी कि सिंधिया गुना से ही चुनाव लड़ेंगे और उन्होंने यह भी कह दिया था कि सिंधिया 20 अप्रैल को अपनी नामजदगी का पर्चा भरेंगे। प्रियदर्शनी राजे की उपस्थिति में कल सुबह नामांकन फॉर्म भरने की तैयारी को अंतिम रूप दिया गया। गुना के अलावा कांग्रेस ने ग्वालियर और भिण्ड सीट से भी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की थी और सिंधिया की उम्मीदवारी तय होने क बाद भी दोनों सीटों पर नाम फाइनल नहीं हो सके हैं। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अपनी आपसी गुटबाजी के कारण भिंड और ग्वालियर सीट के प्रत्याशियों के नाम तय नहीं कर पा रही। ग्वालियर सीट से पार्टी आलकमान और दिग्गी खेमा अशोक सिंह को तथा भिंड से देवाशीष जरारिया को चुनाव लड़ाना चाहता है। परंतु सिंधिया को दोनों प्रत्याशियों के नाम पर आपत्ति है। सूत्र बताते हैं कि तीन बार चुनाव हारने का तर्क देकर सिंधिया खेमा अशोक सिंह के स्थान पर अन्य किसी सिंधिया समर्थक उम्मीदवार को टिकट दिलाना चाहता है, लेकिन इस पर सहमति बन रही है। उसी तरह से भिंड सीट पर भी सिंधिया खेमे को देवाशीष के नाम पर आपत्ति है। इंदौर और धार सीट पर भी कांग्रेस अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है।