केदार सिंह गोलिया, शिवपुरी। आगामी विधानसभा चुनाव की रणभेरी सोमवार को तारीखों के ऐलान और आचार संहिता लगते ही बज गई है। 31 अक्टूबर तक नाम निर्देशन की प्रक्रिया पूरी होना है और ऐसे में अगले दो-तीन दिनों में राजनैतिक दल शेष बचे प्रत्याशियों की सूची घोषित कर सकते हैं। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट पर फिलहाल दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों ने प्रत्याशी घोषित नहीं है। मंथन का दौर जारी है। सबसे ज्यादा निर्णय को लेकर भाजपा में असमंजस बना हुआ है क्योंकि वर्तमान में यहां से विधायक और राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा को लेकर पार्टी व संगठन सहित मीडिया एजेंसियों के सर्वे सुरेश की स्थिति को सही नहीं बता रहे हैं। ऐसे में भाजपा जहां एक-एक सीट के लिए प्रभावी रणनीति के साथ प्रत्याशी चयन कर केन्द्रीय मंत्री और सांसदों को उतार रही है। ऐसे में पोहरी से सुरेश राठखेड़ा के टिकिट पर तलवार लटक रही है। इधर उनके राजनैतिक आका ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के जसमंत जाटव का भी टिकिट पहली सूची में करैरा से कट चुका है। ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि पोहरी से भाजपा इस बार चेहरा बदलेगी। हालांकि उनके विकल्प के तौर पर दो-तीन नामों पर चर्चा चल रही है। उनमें से पार्टी और संगठन की पसंद ही अंतत: प्रत्याशी के रूप में घोषित हो सकता है।
मंत्री होने के बाद भी नहीं सुधार पाए विधानसभा क्षेत्र के खस्ताहाल सड़कों की हालत
यहां बता दें कि सुरेश राठखेड़ा के प्रति लोगों का आक्रोश इस बात से भी है कि वह लोकनिर्माण विभाग में राज्यमंत्री रहे, लेकिन इसके बावजूद भी शिवपुरी से पोहरी होकर श्योपुर जाने वाले सबसे व्यस्ततम मार्ग आज भी खस्ताहाल बना हुआ है इसके अलावा छर्च रोड भी खराब है जिस पर से दर्जनों गांव के ग्रामीण अपना सफर करते हैं। हालांकि इस मार्ग पर चुनावी नारियल जरूर फोड़ दिया गया है, लेकिन जनता के लिए फिलहाल कोई राहत नहीं है।