पुलिस के चक्कर काटते-काटते थक गई थी पीडि़ता, मानवाधिकार आयोग ने एसपी से मांगा प्रतिवेदन तब हुई कायमी
शिवपुरी। शिवपुरी महिला थाना पुलिस ने 5 माह की गर्भवती महिला के साथ पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा के करीबी देशराज धाकड़ द्वारा बलात्कार किये जाने के मामले में आरोपी के खिलाफ बलात्कार सहित एससीएसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह कायमी मानव अधिकार आयोग द्वारा एसपी को जारी किए नोटिस के बाद की है। पीडि़ता ने इस संबंध मेंं एसपी को भी आवेदन दिया था। लेकिन उस समय पोहरी पुलिस ने आरोपी के राज्यमंत्री से नजदीकियां होने के कारण बलात्कार के स्थान पर सिर्फ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था। जिसका संज्ञान मानव अधिकार आयोग ने लिया और इसके बाद मामले में बलात्कार की कायमी हो सकी।
पीडि़त महिला ने बताया था कि वह 5 माह की गर्भवती है और राठखेड़ा गांव की रहने वाली है। 27 फरवरी को दोपहर 11 से 12 बजे के बीच जब वह काली माता मंदिर पर पूजा करने गई थी और वहां से रास्ते में लौट रही थी। तभी गांव के देशराज धाकड़ ने शराब के नशे में उसे पकड़ लिया और उसे अपने घर ले गया। जहां उसने मारपीट की और बलात्कार कर दिया। साथ ही उसे सीने पर कट्टा अड़ाकर धमकी दी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को भी बताया तो वह उसे जान से मार देगा। इसके बाद वह काफी डर गई। लेकिन जब परिवारजनों को इस बात का पता चला तो वह महिला के साथ थाने पहुंचे। यहां उसने पूरी घटना पुलिस को बताई। लेकिन पोहरी पुलिस ने आरोपी के संबंध राज्यमंत्री से होने के कारण एफआईआर करने में आनाकानी की। बाद मेंं जब प्रेसर पड़ा था। पुलिस ने छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद से ही पीडि़ता लगातार शिकायतें कर रही थी। लेकिन उसे कहीं से न्याय नहीं मिला। अंत में वह मानव अधिकार आयोग तक पहुंच गई। जिस पर मानव अधिकार आयोग विभाग से एसपी को नोटिस जारी कर पूछा गया कि दलित महिला ने बलात्कार की शिकायत की, तो फिर छेड़छाड़ का मामला पुलिस ने दर्ज क्यों किया। नोटिस में एसपी को 21 दिन मेंं जांच कराकर जांच प्रतिवेदन देने को कहा। जिस पर पुलिस महकमा हरकत में आ गया और आनन-फानन में महिला के बयानों के बाद पुलिस ने शिवपुरी मेंं स्थित महिला थाने में आरोपी देशराज धाकड़ के खिलाफ भादवि की धारा 376, 506, 3(1)(डब्ल्यू-2), 3(2), व्हीए एससीएसटी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।
जनसुनवाई में पहुंचकर महिला ने दिया था पुन: आवेदन, आरोपी को बताया था मंत्री का भतीजा
पोहरी पुलिस ने बलात्कार के मामले को छेड़छाड़ में बदलने को लेकर पीडि़ता ने कई बार एसपी कार्यालय आकर शिकायत की। लेकिन उसकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मामला मानव अधिकार आयोग तक पहुंचा। इसके बाद पीडि़ता मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में पहुंची। जहां उसने पोहरी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पोहरी पुलिस ने राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा के दबाव में बलात्कार की एफआईआर दर्ज नहीं की थी। क्योंकि उसके साथ बलात्कार करने वाला आरोपी देशराज धाकड़ मंत्री सुरेश राठखेड़ा का भतीजा है।