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रॉर ऑफ द जंगल की दहाड़ से गूंजा दून पब्लिक स्कूल

बाघ संरक्षण पर छात्रों की अनूठी शॉर्ट फिल्म का प्रीमियर, वन अधिकारियों ने सराहा


केदार सिंह गोलिया, शिवपुरी। अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर दून पब्लिक स्कूल में एक रचनात्मक एवं संदेशपूर्ण आयोजन हुआ, जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित शॉर्ट फिल्म रॉर ऑफ द जंगल का विशेष प्रीमियर किया गया। यह फिल्म पर्यावरण, वन्य जीवन और विशेष रूप से बाघ संरक्षण की थीम पर आधारित रही, जिसे छात्रों ने नाटकीय शैली और संवादों के माध्यम से जीवंत रूप से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) एसडीओ करैरा आदित्य सांडिल, एवं विशिष्ट अतिथि अखिलेश चतुर्वेदी उपस्थित रहे। उन्होंने डिजिटल स्क्रीन पर प्ले बटन दबाकर फिल्म का औपचारिक शुभारंभ किया। मंचीय रूप से सजे इस आयोजन में छात्रों की रचनात्मकता, अभिनय क्षमता और पर्यावरणीय समझ की भूरि-भूरि सराहना की गई।

जंगल की कहानी छात्रों की ज़ुबानी


फिल्म में दिखाया गया कि कैसे एक बाघ माधव टाइगर रिजर्व के जंगल में प्रवेश करता है और वहां के जीव-जंतुओं के साथ उसका रिश्ता विकसित होता है। यह कहानी पर्यावरण में जैव विविधता और संतुलन के महत्व को उजागर करती है। फिल्म में पारस कुमार इंदोरा ने बाघ की भूमिका निभाई, वहीं तनीषा खान (लोमड़ी), रिशिका शर्मा (हिरण), दक्ष दोहरे (भालू) और रूद्र हिंडोलिया (शिकारी) के दमदार अभिनय और सशक्त संवादों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर तालियों की गडग़ड़ाहट पर मजबूर कर दिया।

बाघ बचाओ, पर्यावरण बचाओ: एसीएफ सांडिल

मुख्य अतिथि आदित्य सांडिल (एसीएफ) ने कहा कि बच्चों ने जिस समझदारी और संजीदगी के साथ बाघ और जंगल की कहानी को प्रस्तुत किया है, वह वास्तव में सराहनीय है। दून पब्लिक स्कूल का यह प्रयास न सिर्फ बच्चों को पर्यावरणीय शिक्षा दे रहा है, बल्कि समाज को भी जागरूक कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में बाघों की संख्या बढ़ाने में मध्यप्रदेश की भूमिका सबसे अहम रही है, जिसे टाइगर स्टेट का गौरव प्राप्त है। श्री सांडिल ने बच्चों के साथ संवाद के दौरान बताया कि बाघ सिर्फ एक वन्य प्राणी नहीं, बल्कि पर्यावरणीय श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

स्कूल प्रबंधन ने किया सम्मान

कार्यक्रम की शुरुआत में दून पब्लिक स्कूल के संचालक शाहिद खान ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह व पुष्प गुच्छ भेंट किए। स्कूल द्वारा निर्मित फिल्म के लेखक अखलाक खान, स्पेशल इफेक्ट्स और फिल्मांकन प्रभारी श्री निरंजन सर, तथा सभी छात्र कलाकारों को मंच पर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व स्कूल डायरेक्टर ने बच्चों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया। रॉर ऑफ द जंगल की एक कॉपी प्रतीक रूप से एसीएफ आदित्य सांडिल को भी भेंट की गई, जिसे उन्होंने भावुकता से स्वीकार किया।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति भावी पीढ़ी का संकल्प

यह आयोजन न केवल एक रचनात्मक मंच था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, बाघों की घटती संख्या और उनके आवास संकट जैसे गंभीर विषयों पर जागरूकता का एक सशक्त माध्यम भी बना। कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने बाघ बचाओ, प्रकृति बचाओ जैसे नारों के साथ संदेश दिया कि यदि वन्यजीवों को बचाना है तो जंगलों को सुरक्षित रखना ही होगा।


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