ग्राम रोजगार सहायक संगठन के जिलाध्यक्ष राजेश रावत ने बताया –“हमने हर सरकारी आदेश का पालन किया, गांव-गांव योजनाएं पहुँचाईं, लेकिन खुद का स्थायित्व अब भी सिर्फ एक सपना है। हमें पहचान नहीं, केवल इंतजार मिला है।”
मुख्य माँगों में शामिल हैं:
- ग्राम रोजगार सहायकों को पंचायत सहायक सचिव के पद पर संविलियन किया जाए।
- दिवंगत सहायकों के परिवार को 10 लाख की सहायता एवं अनुकंपा नियुक्ति मिले।
- 28 जून 2023 को घोषित पंचायत सचिवों के समान सेवा शर्तें लागू की जाएं।
- निश्चित वेतनमान, ग्रेड पे, टीए-डीए व वेतनवृद्धि की व्यवस्था की जाए।
- समय पर वेतन वितरण सुनिश्चित किया जाए।
- मनरेगा में अनावश्यक टारगेट से मुक्त किया जाए और जिम्मेदारियां स्पष्ट की जाएं।
- विवाह के पश्चात महिला सहायकों का स्थानांतरण सुविधा अनुसार किया जाए।
रोजगार सहायकों ने कहा,“गांवों की नब्ज हम जानते हैं, योजनाएं हमारे माध्यम से जमीन पर उतरती हैं, फिर क्यों हर बार हमें ही उपेक्षित किया जाता है?”
एक महिला सहायक ने आँखों में आँसू लिए कहा –“हर पंचायत सचिव के नीचे हम ही हैं, लेकिन हमारे लिए कोई नीति नहीं है। हमारी सेवा को सिर्फ गिनती तक सीमित कर दिया गया है।”
ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिए गए, तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा।
राजेश रावत ने कहा: “विकास की रेखाएं हमने खींची हैं, लेकिन अब हम खुद अपने भविष्य की रेखा तलाश रहे हैं। आंदोलन अब हमारा आखिरी रास्ता है।”