शिवपुरी। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान 27 नवम्बर 2024 से संचालित किया जा रहा है। अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने पर इसे और गति देने के लिए 100 दिवसीय इन्टेंसिव थीम आधारित जागरूकता अभियान 27 नवम्बर 2025 से शुरू किया गया, जो 8 मार्च 2026 तक चलेगा। यह अभियान सेचुरेशन अप्रोच के साथ संचालित किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक चिन्हित संस्था, सामुदायिक स्थल और सेवा प्रदाताओं तक प्रभावी रूप से पहुंच बन सके। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी धीरेन्द्र सिंह जादौन ने दी।
तीन चरणों में चलेगा अभियान
जादौन ने बताया कि अभियान को तीन फेज में संचालित किया जा रहा है—
- पहला फेज: स्कूल, छात्रावास और कॉलेजों में किशोरों व युवाओं के साथ गतिविधियाँ।
- दूसरा फेज: धार्मिक स्थलों एवं विवाह सेवाएँ प्रदान करने वालों के साथ संवाद।
- तीसरा फेज: समुदाय स्तर पर जुड़ाव एवं ओनरशिप मजबूत करने हेतु ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर फोकस।
अभियान के दौरान बाल विवाह रोकथाम से जुड़े विभिन्न हितधारकों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित किए जा रहे हैं।
रायश्री में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
प्रथम फेज के तहत ग्राम पंचायत रायश्री के शासकीय हाई स्कूल एवं मिडिल स्कूल में बाल विवाह रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग शिवपुरी के सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश कुमार जैन, ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मोहिनी शर्मा सहित विद्यालय स्टाफ एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
कल्पना रायजादा ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए कहा कि बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो बच्चों के सभी अधिकारों का हनन करती है। जीतेश जैन ने बाल विवाह के दुष्परिणामों पर चर्चा करते हुए बताया कि यह घरेलू हिंसा, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर के साथ-साथ एनीमिया और कुपोषण को भी बढ़ावा देता है।
सत्र में सुरक्षित-असुरक्षित स्पर्श तथा सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर भी जानकारी दी गई। कार्यक्रम का समापन बाल विवाह रोकथाम की शपथ के साथ किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन में शासकीय हाई स्कूल एवं मिडिल स्कूल रायश्री के स्टाफ का विशेष योगदान रहा।








