शिवपुरी। जिला एवं सत्र न्यायालय शिवपुरी में आज लोक अदालत के दौरान एक बिखरे हुए परिवार को फिर से जोड़कर न्याय ने न सिर्फ कानून की गरिमा को ऊँचा किया, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की मिसाल भी पेश की। प्रेम सिंह जाटव बनाम मुस्कान जाटव मामले में दो वर्षों से चल रहे दहेज प्रताडऩा , घरेलू हिंसा, भरण-पोषण एवं अन्य पारिवारिक मामलों में आज दोनों पक्षों की आपसी सहमति से राजीनामा कराकर सुलह करवाई गई। यह ऐतिहासिक सुलह जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेन्द्र प्रसाद सोनी एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्रीमती शालिनी शर्मा की उपस्थिति में हुई।
एडवोकेट आर.एस. बघेल एवं एडवोकेट दीपक बौद्ध के समर्पित प्रयासों से दोनों पक्षों को फिर से साथ लाने में सफलता मिली। न्यायालय परिसर में दोनों को माला पहनाकर सम्मानपूर्वक एक साथ घर भेजा गया, जिससे वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो गईं लेकिन चेहरों पर सुकून और संतोष भी झलक रहा था। प्रधान न्यायाधीश शालिनी शर्मा द्वारा जोड़े को एक जामुन का पौधा उपहार में दिया गया, जिसमें यह संदेश छुपा था कि रिश्तों को भी उतनी ही संवेदनशीलता और देखभाल की ज़रूरत होती है, जितनी एक पौधे को। एडवोकेट दीपक बौद्ध ने कहा, आज का दिन मेरे जीवन का सबसे सुकूनदायक क्षण है। दो साल से बिखरे हुए एक परिवार को फिर से जोडऩा सिर्फ एक कानूनी जीत नहीं, बल्कि एक सामाजिक और मानवीय विजय है। इस सुलह से न केवल एक बच्चा अपने माता-पिता के साए में बड़ा हो सकेगा, बल्कि दोनों परिवार भी उस मानसिक, सामाजिक और आर्थिक तनाव से मुक्त हो सकेंगे जिससे वे वर्षों से जूझ रहे थे। यह घटना समाज के लिए एक संदेश है कि लड़ाई-झगड़े से रिश्ते नहीं बचते, बल्कि संवाद, सहमति और समझदारी से ही जीवन की राह आसान होती है।