शिवपुरी। बैराड तहसील में आयोजित एक मंत्री जी के कार्यक्रम में आदिवासियों को सिर्फ भीड़ बनाने के लिए बुलाया गया। सुबह से भूखे-प्यासे बैठे रहे लोग, लेकिन नाश्ता क्या, पानी तक नसीब नहीं हुआ। एक ग्रामीण का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह दर्द बयां करते हुए कहता है,
वह तो मूडी आदमी है, बैठी रही जनता कितनी बैठी है... भूखे-प्यासे सुबह ही ले गए, बोले नाश्ता मिलेगा लेकिन नाश्ता तो छोड़ो तोरई भी नहीं मिली...
उस ग्रामीण ने यह भी कहा कि सभी को इज्जत चाहिए, अगर किसी को पानी मिल रहा है तो हमें भी मिलना चाहिए। लाने वालों ने सिर्फ फॉर्मेलिटी की, बाकी दिन भर इंतज़ार ही मिला।
यह वीडियो न सिर्फ आयोजन की बदइंतज़ामी को उजागर करता है, बल्कि उन आवाज़ों को भी सामने लाता है जो सालों से अनसुनी रहीं। सवाल ये है कि क्या आदिवासी सिर्फ भीड़ हैं या इंसान भी?