शिवपुरी।अत्यंत पिछड़ी जनजाति (पीवीटीजी) वर्ग के सहरिया परिवारों की आजीविका में बाधा डालने वाले प्रभावशाली व्यक्तियों पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। जिला कलेक्टर रविंद्र चौधरी के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पोहरी मोतीलाल अहिरवार द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधित 2015) तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 3(1)(जेडए)(ई) के अंतर्गत पाँच आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री दुग्धारू पशु प्रदाय योजना के अंतर्गत सहरिया जनजाति के हितग्राहियों को आजीविका हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा दो-दो भैंसें प्रदाय की गई थीं। किन्तु कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने इन सहरिया परिवारों से भैंसें जबरन छीन लीं और उनका दूध स्वयं के उपयोग में लेने लगे।
जिला प्रशासन द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित आरोपियों से भैंसें मुक्त करवाई गईं और मूल सहरिया हितग्राहियों को पुनः सुपुर्द की गईं। यह कार्रवाई अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के अधिकारों की रक्षा तथा योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों तक लाभ पहुँचाने की दिशा में एक सख्त संदेश है।
कार्यवाही के समय तहसीलदार पोहरी निशा भारद्वाज, तहसीलदार बैराड़ दृगपाल सिंह बैस, नायब तहसीलदार गोवर्धन अजय परसेडिया, पशु चिकित्सा अधिकारी पोहरी अतुल राजपूत, पशु चिकित्सा अधिकारी बैराड़ अर्चना धाकड़, ग्राम पटवारी रंजीत जाटव सहित संयुक्त दल उपस्थित रहा। संपूर्ण कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी मोतीलाल अहिरवार के नेतृत्व में संपन्न हुई।
जिला कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भविष्य में यदि कोई व्यक्ति अनुसूचित जाति अथवा जनजाति की योजनाओं से लाभान्वित परिवारों की आजीविका में बाधा पहुँचाता पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिन व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई, उनके नाम इस प्रकार हैं:
सुरजीत जाट, निवासी ग्राम बमरा, तहसील पोहरी, गजेन्द्र यादव, निवासी ग्राम देवपुरा, तहसील बैराड़, महेन्द्र यादव, निवासी ग्राम भिलौड़ी, तहसील बैराड़, रहमान खान, निवासी ग्राम खटका, तहसील बैराड़, भरत उर्फ लल्लो परिहार, निवासी ग्राम खटका, थाना गोपालपुर, तहसील बैराड़ के नाम शामिल हैं।