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वह वायरल फोटो जिसमें मुकेश शर्मा सो रहे हैं और बच्चे उनके जागने का इंतजार कर रहे हैं। |
-खनियांधाना के उमावि बामौरकलां के शिक्षक का स्कूल में सोने के बाद अब कोचिंग में पढ़ाने का वीडियो आया सामने
केदार सिंह गोलिया, शिवपुरी। शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक पूरे विभाग की बदनामी करने पर आतुर हैं। पिछले दिनों सोशल साइड से लेकर मीडिया में खनियांधाना के उमावि बामौरकलां का एक छोटो वायरल हुआ था जिसमें बच्चे खुले आसमान के नीचे स्कूल के प्रांगण में टाटपट्टी पर बैठे थे और पास में कुर्सी पर शिक्षक मुकेश कुमार शर्मा खर्राटे ले रहे थे। स्कूल में तालीम की तलब लेकर पहुंचे ये बच्चे अपने शिक्षक के जागने का इंतजार कर रहे थे, पर शिक्षक गहरी नींद में थे।
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वीडियो सामने आया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने संबंधित शिक्षक को नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली पर अब इस स्कूल में सोने वाले शिक्षक की एक और वीडियो वायरल हुई है जिसमें कथिततौर पर ये शिक्षक पूरे मनोयोग से बिना नींद के झपके के अपने निजी स्थान पर बच्चों को ट्यूशन बड़ी तल्लीनता से पढ़ाते नजर आ रहा है। हैरानी इस बात की है कि पिछले दिनों सोने वाला फोटो वायरल होने के बाद कथिततौर पर शिक्षक ने बीमारी और दवाई की खुराक के चलते स्कूल में झपकी आ जाने की बात मीडिया से कही थी तो सवाल यह है कि सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के लिए तो इन शिक्षक महोदय को नींद आ जाती है, लेकिन घर पर ट्यूशन के लिए पढ़ाने में इनकी स्फूर्ति देखने लायक है। बताया जाता है कि विद्यालय के बच्चों ने भी इस शिक्षक की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की है, पर कुछ दिन पहले ही इस स्कूल का प्रभार देने वाले डीईओ इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं यह देखना होगा। शिक्षक के स्कूल में सोने और कोचिंग में पढ़ाने के फोटो और वीडियो कबके हैं इस बात की पुष्टि फिलहाल नहीं हो सकी है।
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छात्रों द्वारा शिक्षक मुकेश शर्मा की शिकायत को लेकर लिखा गया डीईओ को पत्र, जो सोशल साइड पर वायरल हुआ है। |
इस पूरे मामले में स्कूल में सोने और ट्यूशन पर पढ़ाने वाले शिक्षक के प्रभारी प्राचार्य की हरकतों को लेकर स्कूली बच्चों का एक शिकायती आवेदन भी वायरल हुआ है जिसमें उनका कहना है कि उमावि शिक्षक मुकेश शर्मा अपनी निजी कोचिंग चलाते हैं और स्कूल में एक भी पीरियड नहीं लेते हैं। इतना ही नहीं कोचिंग में आने का दबाव बनाकर यह कहते हैं कि नहीं आने पर प्रेक्टिल में नंबर नहीं देंगे और अभद्र भाषा का भी प्रयोग करते हैं। इस कथित आवेदन में विद्यार्थियों ने जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल का प्रभार हटाने की मांग भी की है।