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बेहतर कल के लिए हमें बच्चों की अनसुनी आवाजों को सुनने की जरूरत है


बाल अधिकार संरक्षण कार्यशाला में कलेक्टर ने कहा

शिवपुरी- बच्चे समाज का भविष्य है,उनकी अनदेखी का सीधा मतलब खुद के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। हमें अपने बच्चों के साथ समाज के हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा करनी होगी। जब तक एक भी बच्चा समाज में असुरक्षित है, तब तक हमारी पूर्ण विकास की अवधारणा साकार नहीं होगी। हमें बच्चों की उन बातों को ध्यान से सुनना होगा, जिनकी हम अक्सर अनदेखी कर देते है।

  यह बात कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कही। वे शनिवार को टूरिस्ट विलेज में आयोजित बाल अधिकार संरक्षण कार्यशाला में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और विकास सिर्फ सरकारी प्रयासों से संभव नहीं। उसमें समुदाय का सहयोग जरूरी है। कोविड काल में 200 के आसपास बच्चों के सिर से माता या पिता का साया उठ गया। क्या 20 लाख लोगों का जिला उन बच्चों को बेहतर भविष्य नहीं दे सकता।

   यूनिसेफ की चीफ फील्ड ऑफिसर मार्गेट ग्वाड़ ने जिले में बाल अधिकार संरक्षण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों के लिए शासन और प्रशासन ने जिस तरह की संवेदनशीलता दिखाई है, उससे मै अभिभूत हूँ। उन्होंने बताया कि कल बच्चों के साथ बातचीत में उनकी समस्याओं को सुना, फिर उनसे सुझाव जाने। मुझे आश्चर्य हुआ कि उनके पास उनकी समस्याओं के सटीक समाधान भी मौजूद है। बस उन्हें एक प्लेटफॉर्म देने और सुनने की जरूरत है।

    कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि बच्चों के लिए संवेदनशीलता से काम करने की जरूरत है। बच्चे ने विधि विरोधी काम किया है,तो हमें यह समझने की जरूरत है कि उसने ऐसा क्यों किया। उन परिस्थितियों को समझना होगा। बच्चों को गलत काम के लिए उकसाने वालों पर कठोर कार्यवाही जरूरी है। एडीजे सिद्धि मिश्रा ने किशोर न्याय एवं लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण कानूनों के संबंध में पुलिस और प्रशासन के अलावा अन्य स्टेक होल्डर्स की भूमिका को समझाया।

- इन्हें दिया गया प्रशिक्षण
 इस कार्यशाला में बच्चों की सुरक्षा और विकास से संबद्ध बाल कल्याण समिति अध्यक्ष- सदस्य ,किशोर न्याय बोर्ड सदस्य, महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी- सुपरवाइजर्स, बाल संरक्षण इकाई स्टाफ, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आजीविका मिशन, चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर के स्टाफ के साथ जिले के सभी पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई के कर्मचारी शामिल हुए।

कार्यशाला में यूनिसेफ के बाल संरक्षण अधिकारी लोलीचन एवं कंसल्टेंट अमरजीत सिंह ने बच्चों से जुड़े कानूनी प्रावधानों से परिचित कराते हुए विभिन्न विभागों के साथ समन्वित प्रयासों के लिए प्रेरित किया। इस दौरान ममता संस्था की सीमा जैन, रेनू सिंह चंदेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र सुंदरियाल, सहायक संचालक आकाश अग्रवाल,बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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