संत रविदास जयंती पर गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित, वक्ताओं ने रखे विचार रख दिया संदेश
शिवपुरी। "जब मन हो चंगा तो कठौती में है गंगा" इसी दोहे की पहचान के रूप में अक्सर लोग संत रविदास को पहचानते है लेकिन जब इसका भावार्थ निकालोगो तो हरेक मनुष्य संत रविदास का अनुगामी हो जाएगा, इससे इंकार नहीं किया जा सकता, 15-16वीं शताब्दी के पूर्व के समय संत रविदास ने अपने कार्य क्षेत्र में ऐसे कार्य किए जिससे संपूर्ण मानवता को लाभ मिले और सभी एक समान होकर मानव धर्म को निभाऐं। संत रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी समारोह में यह विचार व्यक्त किए पूर्व राज्यमंत्री राजू बाथम व पूर्व विधायक प्रहलाद भारती एवं नपाध्यक्ष मुन्ना लाल कुशवाह ने जिन्होंने अपने-अपने विचारों के भावों को प्रकट करते हुए संत रविदास जयंती मनाई। कार्यक्रम का यह आयोजन रंत रैदास ट्रस्ट(लोक न्यास) संस्था द्वारा स्थानीय निवास पर आयोजित की गई। कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष श्रीमती माया मौर्य, उपाध्यक्ष जेलर व्ही.एस. मौर्य, बीपीएम जयहिंद मिशन संस्था के संरक्षक अवधेश सक्सैना, पिछड़ा वर्ग समिति के सदस्य भागीरथ कुशवाह, मीडिया प्रभारी राजू यादव ग्वाल, सेंट जोन्स पब्लिक स्कूल के संचालक रामलखन धाकड़, सक्सेस पाईन्ट के डायरेक्टर उमेश श्रीवास्तव, डॉ.कपिल मौर्य, पूनम पुरोहित आदि वक्ताओं ने भी मंच से गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर संत रविदास को स्मृत किया। इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री राजू बाथम व पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने संत रविदास के जीवन पर आधारित ओजस्वी दोहे श्रवण कराए और उन दोहों का सही अर्थों में मानव धर्म किस प्रकार से निभाया जाए इसे लेकर विस्तृत जानकारी दी। इस गोष्ठी कार्यक्रम में लल्ला पहलवान, नीरज जाटव, मोहन सिंह घुराया, केदार सिंह गोलिया, सुधीर कोड़े, मनोज सूर्यवंशी, नीरज कुमार छोटू, आशीष जाटव, कुलदीप आर्य, अंकुश मौर्य, नीरज वम्या, सोनू चौधरी आदि सहित अन्य लोग मौजूद रहे जिन्होनें संत रविदास जयंती के अवसर पर उनके चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित करते हुए नमन् किया। कार्यक्रम का संचालन ओजस्वी वाणी में संरक्षक अवधेश सक्सैना द्वारा जबकि आभार प्रदर्शन उमेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।








