शिवपुरी। जिले का आरटीओ कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है। यहां बिना दलाली के कोई भी काम संभव नहीं है। विभाग में आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है। कार्यालय पूरी तरह से दलालों के चंगुल में है। शहर से करीब 6 से 7 किमी. दूर 18 वीं बटालियन के पास ग्वालियर मार्ग स्थित आरटीओ कार्यालय पर दर्जनों की संख्या में दलाल हर समय डेरा डाले रहते हैं। यहां बात यदि ड्रायविंग लायसेंसों की करें तो दलालों द्वारा 2500 से लेकर 3000 रुपए तक वसूले जाते हैं और टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक के लायसेंस बना दिए जाते हैं वह भी बिना किसी टेस्ट के।
जिले का आरटीओ ऑफिस इस समय दलालों के चंगुल में है। ऑफिस का सारा कार्य दलाल ही करते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि आरटीओ ऑफिस का दृश्य अपने आप ही बयां कर देता है। लाइसेंस बनवाना हो या रिनिवल करवाना हो या फिर किसी गाड़ी का परमिट लेना हो सबके लिए आपको दलालों के जरिये ही जाना पड़ेगा और उसकी बाकायदा एक सुविधा शुल्क निर्धारित है। आरटीओ भले ही कार्रवाई की बात करते हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आरटीओ के संरक्षण में ही कार्यालय में दलाल फल फूल रहे है और दलालों के ही आड़ में आरटीओ कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी भी काली कमाई कर रहे हैं।
इस पूरे काले कारोबार को लेकर विभाग के अधिकारी सिर्फ कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन जब कार्रवाई की बात आती है तो सांप सूंघ जाते हैं। दलाल ही बाहर से ग्राहक ढूंढ कर लाते हैं और फिर खेल होता है कमीशनखोरी का। अगर आम जनता को अपना काम करवाना है तो आरटीओ ऑफिस में कमीशन देना ही होगा। अगर आप ईमानदार बनते हैं तो फिर शहर से कोसों दूर बने आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाते रहिए कोई सुनने वाला नहीं। सिर्फ यही नहीं आपके वाहनों का प्रदूषण की जांच भी कार्यालय के बाहर प्राइवेट में होती है और इसके लिए बाकायदा दलालों ने बोर्ड भी लगा रखा है लेकिन यह बोर्ड आरटीओ को दिखाई नहीं पड़ता।