कांग्रेस ने जीती अशोकनगर, मुंगावली, चंदेरी, पिछोर और बामौरी सीट, भाजपा जीती गुना, शिवपुरी और कोलारस सीट
शिवपुरी। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से भले ही पांच सीटों पर कांग्रेस जीती हो, लेकिन कुल मिलाकर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस भाजपा की तुलना में 19 हजार 907 मतों से पीछे रही। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिवपुरी और गुना विधानसभा सीट पर पराजय के बावजूद 1 लाख 20 हजार मतों से विजय हांसिल हुई थी। वर्तमान विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर कांग्रेस को विजय हांसिल हुई उनमें अशोकनगर जिले की तीनों विधानसभा सीटें गुना, अशोकनगर और मुंगावली शामिल हैं। जबकि शिवपुरी जिले की तीन सीटों में से सिर्फ कांग्रेस को पोहरी सीट पर जीत हांसिल हुई है और शेष दो सीटों शिवपुरी और कोलारस में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा है। कोलारस में 8 माह पहले हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र यादव को 8 हजार से अधिक मतों से जीत हांसिल हुई थी। लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 में उन्हें 720 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा। गुना जिले की दो सीटों में से गुना में कांग्रेस को पराजय हांसिल हुई जबकि बामौरी में कांग्रेस की जीत हुई। लेकिन बामौरी में कांग्रेस की जीत हुई।
विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखने से स्पष्ट होता है कि अशोकनगर जिले में कांग्रेस ने तीनों सीटों पर विजय के साथ भाजपा पर 16 हजार 41 मतों की बढत बनाई। अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी जयपाल सिंह जज्जी ने 65 हजार 750 मत प्राप्त कर भाजपा प्रत्याशी लड़डू राम कोरी से 9730 मतों से विजय हांसिल की। बामौरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेंद्र सिंह यादव 2136 मतों से विजयी हुए। जबकि चंदेरी से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल सिंह चौहान डग्गी राजा को 4175 मतों की बढ़त मिली। लेकिन शिवपुरी जिले की तीन सीटों पर भाजपा दो सीटें जीतकर 27 हजार 200 मतों से कांग्रेस से आगे रही। शिवपुरी जिले में भाजपा को बढ़त मिलने का मुख्य कारण यशोधरा राजे सिंधिया रहीं। जिन्होंने अपने शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से 28748 मतों की भारी बढ़त हांसिल की। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की बढ़त 720 मतों की रही। जहां भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र रघुवंशी ने कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र यादव को पराजित किया। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की बढत 29468 मतों पर जा पहुंची। लेकिन पिछोर में कांग्रेस की जीत के साथ यह बढ़त घटकर 27200 मतों की हो गई। पिछोर में कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह ने भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी को 2268 मतों से पराजित किया। गुना जिले की दो सीटों में से एक-एक सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने कब्जा किया। लेकिन भाजपा ने गुना विधानसभा क्षेत्र से 33667 मतों की भारी बढ़त प्राप्त की। यहां भाजपा प्रत्याशी गोपीलाल जाटव विजयी हुए लेकिन बामौरी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह सिसौदिया ने 27920 मतों से विजय हांसिल कर भाजपा की बढ़त को 8748 मतों पर सीमित कर दिया। इस तरह से गुना और शिवपुरी जिले में भाजपा ने कांग्रेस की तुलना में 35948 मत अधिक प्राप्त किए। लेकिन इस बढ़त को अशोकनगर जिले मेें कांग्रेस को मिली 16041 मतों की बढत ने सीमित किया और भाजपा को 19907 मतों की कुल बढ़त मिली।
क्या विधानसभा परिणाम सिंधिया के खिलाफ हैं
गुना संसदीय क्षेत्र में भाजपा की बढ़त से यह सवाल सहज रूप से ही उठता है कि क्या विधानसभा चुनाव के परिणाम सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ हैं और उनके लिए खतरे की घंटी है। आंकड़ों की दृष्टि से तो ऐसा ही प्रतीत होता है लेकिन व्यापक परिप्रेक्ष में इन चुनाव परिणामों को सिंधिया की अलोकप्रियता का पैमाना नहीं माना जा सकता। लोकसभा चुनाव में भी सिंधिया को शिवपुरी और गुना विधानसभा क्षेत्र में पराजय का सामना करना पडा था। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा के मजबूत प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया को मोदी लहर में 1 लाख 20 हजार मतों से पराजित किया। यह भी ध्यान रखना होगा कि भले ही कांग्रेस गुना संसदीय क्षेत्र में 19000 मतों से पिछडी हो लेकिन शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया लगभग 29 हजार मतों से विजयी हुई। उनकी जीत का आधार सिंधिया परिवार के प्रति इस क्षेत्र में विश्वास को माना जा रहा है।







