महिला एवं बाल विकास का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न, 103 छात्रावास अधीक्षकों ने लिया भाग
शिवपुरी। मानसिक स्वास्थ्य मानव विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए यह आवश्यक है कि वे मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें, तभी वे शिक्षा और जीवन के अन्य क्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाएंगे। यह बात जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग धीरेन्द्र सिंह जादौन ने कही।
वे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना के अंतर्गत आयोजित मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक सहायता, जेंडर, बाल संरक्षण और अधिकार विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण जनजातीय कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों के अधीक्षकों के लिए आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन 8 और 9 अक्टूबर 2025 को किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन शिवपुरी, कोलारस, पोहरी और नरवर विकासखण्ड के अधीक्षकों ने भाग लिया, जबकि दूसरे दिन करैरा, बदरवास, पिछोर और खनियाधाना विकासखण्ड के अधीक्षकों ने सहभागिता की। कुल 103 अधीक्षकों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।
प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में जिला समन्वयक ममता संस्था की कल्पना रायजादा ने बाल संरक्षण, बाल अधिकार एवं जीवन कौशल से संबंधित सत्रों का संचालन किया। विषय विशेषज्ञ के रूप में जिला चिकित्सालय के मनकक्ष प्रभारी डॉ. योगेन्द्र रघुवंशी ने मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता, आवश्यकता एवं परामर्श की परिस्थितियों पर जानकारी दी।
मनकक्ष से ब्रजभान दोहरे ने रेफरल सर्विसेज एवं ऑनलाइन परामर्श प्रक्रिया पर जानकारी प्रदान की। आकांक्षी ब्लॉक समन्वयक कोलारस सौरभ शर्मा और पिछोर समन्वयक सुरेन्द्र सिंह ने आकांक्षी ब्लॉकों के विकास संकेतकों और आगामी हाट गतिविधियों के बारे में बताया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी जीतेश जैन ने दी। उन्होंने बाल विवाह उन्मूलन विषय पर छात्रावास अधीक्षकों का उन्मुखीकरण भी किया।
धीरेन्द्र सिंह जादौन ने कहा कि मानसिक रूप से सशक्त बच्चे ही समाज और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की नींव होते हैं। हमें बच्चों के मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर उतना ही ध्यान देना चाहिए, जितना शारीरिक स्वास्थ्य पर।








