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संविधान बचाने की नहीं, इसे पढऩे-समझने और जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत: पवन शर्मा

संविधान क्विज प्रतियोगिता का समापन भव्य पुरस्कार समारोह के साथ हुआ


शिवपुरी। संविधान को बचाने की नहीं, बल्कि हर नागरिक को इसे पढ़ाने और समझाने की जरूरत है। इसी सोच के साथ प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा ने कहा कि देश और संविधान पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन इसकी महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।  दिल्ली विधानसभा भवन के मुख्यमंत्री कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, संविधान में बने हर चित्र के पीछे एक महान कहानी छिपी है, जो भारत के मानव मूल्यों और संस्कृति को दर्शाती है। यदि हम अपने बच्चों को इन चित्रों की कहानी बताएंगे, तो वे संविधान के मूल्यों को सही मायनों में समझ पाएंगे। इस कार्यक्रम में उनके साथ प्रदेश सचिव राजकुमार शर्मा, सीलिंग पब्लिक स्कूल, छतरपुर के जीव नगरिया और मैक्स इंटरनेशनल, असंद, हरियाणा के कपिल गुप्ता भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजक और विश्वरूप समूह के निदेशक मुकेश भारद्वाज और संजीव गर्ग ने इस ओलंपियाड के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा, हमारा मकसद सिर्फ प्रतियोगिता कराना नहीं, बल्कि संविधान को बच्चों तक सरल भाषा में पहुंचाना है, ताकि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें। देशभर में संविधान की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस पहल की सभी अतिथियों ने सराहना की और इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया।

देशभर के 1.27 लाख बच्चों ने लिया 'विश्वरूप ओलंपियाड' में भाग

विश्वरूप एजुकेशन द्वारा भारत के संविधान से जुड़े चित्रों के आधार पर आयोजित संविधान क्विज प्रतियोगिता का समापन भव्य पुरस्कार समारोह के साथ हुआ। इस प्रतियोगिता में देशभर के 15 राज्यों के 742 स्कूलों से 1,27,000 छात्रों ने भाग लिया, जो इसे भारत के सबसे बड़े ओलंपियाड में से एक बनाता है। दिल्ली विधानसभा भवन के मुख्यमंत्री कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित इस भव्य पुरस्कार समारोह में विजयी 24 छात्रों को सम्मानित किया गया।

संविधान से जुड़े चित्रों पर आधारित अनोखी पहल

यह ओलंपियाड खास इसलिए भी है, क्योंकि इसमें संविधान में छपे चित्रों के आधार पर प्रश्न पूछे जाते हैं। भारत के संविधान में डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा जोड़े गए ऐतिहासिक चित्रों को बहुत कम लोग जानते हैं। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को न सिर्फ इन चित्रों की जानकारी दी जाती है, बल्कि उनसे जुड़े सामाजिक और ऐतिहासिक संदर्भ भी बताए जाते हैं।

फैक्ट फाइल

  • पहला स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को -1,01,000 का नकद पुरस्कार मिला।
  • दूसरे स्थान पर आने वाले को -51,000 का पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • तीसरे स्थान के लिए -21,000 की राशि दी गई।

देश की जानी-मानी हस्तियां रहीं मौजूद

इस सम्मान समारोह में एबीपी न्यूज़ की वरिष्ठ और प्रसिद्ध पत्रकार चित्रा त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उनके साथ भारत विकास परिषद के संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल और दीपक सैनी विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में भारत के 100 प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रिंसिपल, शिक्षाविद और अतिथि उपस्थित रहे।

संविधान पढ़ें, समझें और अपनाएं

पवन कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि संविधान को सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसे समझना और अपने जीवन में अपनाना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति है। संविधान सिर्फ कानून की किताब नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा है। हमें इसे पढऩा होगा, तभी हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों को सही से निभा पाएंगे। 


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