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"नव संवत्सर हमें उमंग और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है" – प्रभारी मंत्री

"विक्रम संवत हमारी संस्कृति और स्वाभिमान का प्रतीक" – नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा

शिवपुरी- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर जिले में विक्रम संवत 2082 का भव्य स्वागत किया गया। विक्रमोत्सव 2025 के अंतर्गत सूर्यकोटि उपासना कार्यक्रम और नवसंवत्सर अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जिलेवासियों को गुड़ी पड़वा एवं नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं और कहा कि "नव संवत्सर हमें उमंग और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें अपनी संस्कृति को संजोने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है।"

नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को पुष्पगुच्छ भेंटकर नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि "विक्रम संवत हमारी संस्कृति और स्वाभिमान का प्रतीक है। यह पर्व हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और एक समरस समाज की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देता है। हमें अपनी परंपराओं को सहेजते हुए समाज की प्रगति में योगदान देना चाहिए।" कार्यक्रम में विधायक देवेंद्र जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव, हेमंत ओझा, हरवीर रघुवंशी, अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी, पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़, जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं स्कूली छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में रीवा से आए अमरवाड़ी कलाकार मंडल ने महाराज विक्रमादित्य के जीवन और विक्रम संवत की स्थापना पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया। प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कलाकारों को पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया।


विक्रम संवत का आरंभ 57 ई.पू. में महाराज विक्रमादित्य द्वारा विदेशी आक्रांताओं से भारत की रक्षा के उपलक्ष्य में किया गया था। इस तिथि को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन से नव संवत्सर की शुरुआत होती है। यह पर्व गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र), युगादि (आंध्र प्रदेश-कर्नाटक) और नवसंवत्सर के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि "हमें समाज को नशामुक्त बनाने और शिवपुरी को स्वच्छ रखने के लिए एकजुट होना होगा। युवा पीढ़ी को नशा मुक्त करने के लिए सभी को सहयोग देना चाहिए। नगर की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है।" विक्रम संवत को भारत का राष्ट्रीय संवत कहा जाता है। इसकी गणना पूर्णत: वैज्ञानिक एवं खगोलीय तथ्यों पर आधारित है। यह संवत नेपाल में भी सरकारी संवत के रूप में प्रचलित है और इसमें चंद्र मास एवं सौर नक्षत्र वर्ष की गणना की जाती है। शहर के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजन, हवन और शोभायात्राएं निकाली गईं। श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर नववर्ष के मंगलमय होने की कामना की। नगरवासियों ने एक-दूसरे को गुड़ी पड़वा एवं नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं।

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