शिवपुरी- उधार लिए गए ऋण का भुगतान न करने पर न्यायालय ने आरोपी को दो वर्ष के साधारण कारावास एवं 2 लाख 96 हजार रुपये प्रतिकर जमा करने की सजा सुनाई है। प्रतिकर राशि अदा न करने की स्थिति में आरोपी को दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में चले इस प्रकरण में परिवादी वीरेन्द्र सिंह रावत पुत्र नारायण सिंह रावत, निवासी कलेक्टर कोठी के पास, शिवपुरी ने आरोपी हरीश योगी पुत्र दयालाल योगी, निवासी योगी मोहल्ला, तारकेश्वरी कॉलोनी, शिवपुरी के खिलाफ धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद दायर किया था। परिवादी और आरोपी एक-दूसरे को पूर्व से जानते थे। आरोपी ने अपनी पारिवारिक एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिए 24 अगस्त 2016 को परिवादी से 2 लाख रुपये उधार लिए थे और भुगतान के लिए 25 अगस्त 2017 का एक चैक दिया था। जब यह चैक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, शिवपुरी शाखा में लगाया गया तो अपर्याप्त राशि के कारण बाउंस हो गया। चैक बाउंस होने पर परिवादी ने अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिनों का कानूनी नोटिस आरोपी को भेजा। जब निर्धारित समय में भुगतान नहीं किया गया, तो परिवादी ने न्यायालय में परिवाद दायर किया। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत की गईं, जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए दो वर्ष का साधारण कारावास एवं 2.96 लाख रुपये प्रतिकर अदा करने का आदेश दिया। प्रतिकर राशि न देने की स्थिति में दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगताने का आदेश भी पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के साथ सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान और अजय कबीर ने पैरवी की।