कांग्रेस हाईकमान युवाओं पर भरोसा दिखाने की तैयारी में है! सर्वे जारी
केदार सिंह गोलिया, 7999366077
पोहरी। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा इन दिनों पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगी हुई नजर आ रही है। यहां होने वाला हर चुनाव दिलचस्प होता है, कारण जातिगत समीकरण ज्यादा हावी होते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में धाकड़ और ब्राह्मण समाज का वोट बैंक सर्वाधिक है इसलिए माना जाता है यही फेक्टर तय करता है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल एक-दूसरे के प्रत्याशी के नामों का इंतजार करते हैं और उसे देखकर ही अपना प्रत्याशी घोषित करते हैं। लेकिन इस बार स्थिति अलग है क्योंकि आने वाले उपचुनाव में भाजपा की ओर से पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा को लगभग घोषित प्रत्याशी ही माना जा रहा है, हाईकमान से भी इस बात के कई बार संकेत आ चुके हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस भी 2018 के विधानसभा चुनाव की भांति धाकड़ प्रत्याशी की काट के लिए धाकड़ प्रत्याशी ही मैदान में उतारने पर विचार विमर्श कर रही है। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो कांग्रेस युवा प्रत्याशी पर भरोसा दिखाने के मूड में है और इसके लिए वरिष्ठ नेताओं के अपने स्तर पर सर्वे भी जारी है। धाकड़ समाज से जिन तीन नेताओं के नाम अभी तक उभरकर सामने आ रहे हैं उनमें पहला नाम प्रद्युम्न वर्मा का है जो वर्तमान में जनपद अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। इनके राजनैतिक कैरियर पर प्रकाश डालें तो जनपद अध्यक्ष के कार्यकाल के बाद इनकी नेतृत्व क्षमता में निखार देखने को मिला हैं, वहीं इनका कार्यकाल भी निर्विवादित रहा है। इनके कार्य करने के अंदाज की बात करें तो सरपंच, सचिव से अच्छे तालमेल के चलते ग्राम पंचायतों में अच्छे खासे काम हुए हैं। इस प्रकार से इनका नाम उभरते हुए नेता के रूप में सामने आया है।
केदार सिंह गोलिया, 7999366077
पोहरी। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा इन दिनों पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगी हुई नजर आ रही है। यहां होने वाला हर चुनाव दिलचस्प होता है, कारण जातिगत समीकरण ज्यादा हावी होते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में धाकड़ और ब्राह्मण समाज का वोट बैंक सर्वाधिक है इसलिए माना जाता है यही फेक्टर तय करता है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल एक-दूसरे के प्रत्याशी के नामों का इंतजार करते हैं और उसे देखकर ही अपना प्रत्याशी घोषित करते हैं। लेकिन इस बार स्थिति अलग है क्योंकि आने वाले उपचुनाव में भाजपा की ओर से पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा को लगभग घोषित प्रत्याशी ही माना जा रहा है, हाईकमान से भी इस बात के कई बार संकेत आ चुके हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस भी 2018 के विधानसभा चुनाव की भांति धाकड़ प्रत्याशी की काट के लिए धाकड़ प्रत्याशी ही मैदान में उतारने पर विचार विमर्श कर रही है। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो कांग्रेस युवा प्रत्याशी पर भरोसा दिखाने के मूड में है और इसके लिए वरिष्ठ नेताओं के अपने स्तर पर सर्वे भी जारी है। धाकड़ समाज से जिन तीन नेताओं के नाम अभी तक उभरकर सामने आ रहे हैं उनमें पहला नाम प्रद्युम्न वर्मा का है जो वर्तमान में जनपद अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। इनके राजनैतिक कैरियर पर प्रकाश डालें तो जनपद अध्यक्ष के कार्यकाल के बाद इनकी नेतृत्व क्षमता में निखार देखने को मिला हैं, वहीं इनका कार्यकाल भी निर्विवादित रहा है। इनके कार्य करने के अंदाज की बात करें तो सरपंच, सचिव से अच्छे तालमेल के चलते ग्राम पंचायतों में अच्छे खासे काम हुए हैं। इस प्रकार से इनका नाम उभरते हुए नेता के रूप में सामने आया है।
वहीं दूसरे प्रत्याशी की बात करें तो आनंद धाकड़ का नाम आता है। जिनको राजनीति विरासत में मिली है जिसके चलते परिवार का क्षेत्र में जमीनी स्तर पर लोगों से अच्छा खासा जुड़ाव है। खासबात यह है कि इनकी नानी बैजंती वर्मा पोहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं, साथ ही इनके गांव पिपरघार से सरपंच के रूप में परिवार के लोग बनते आ रहे हैं जिससे सरपंच के कार्यकाल के रूप में परिवार ने लोगों को काफी प्रभावित किया है। इस प्रकार से आनंद धाकड़ द्वारा भी दावेदारी की मजबूती से ताल ठोकी जा रही है।
तीसरे प्रत्याशी शिशुपाल धाकड़ की बात करें तो पोहरी विधानसभा के गांव मालवर्वे से आते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन्होंने कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत की थी परिणामस्वरूप कांग्रेस के हक में ही चुनाव परिणाम आया था। इस प्रकार शिशुपाल धाकड़ ने कांग्रेस के प्रति वफादारी की एक अमूल्य छाप छोड़ी थी। यदि हम यह कहें कि लगातार चुनावों में पार्टी के लिए काम करने से शिशुपाल ने अपने लिए जमीन बिछाई है तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस प्रकार से शिशुपाल धाकड़ भी प्रबल युवा दावेदार के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं।
अन्य धाकड़ उम्मीदवारों की बात करें तो वैसे तो कई नाम है, लेकिन मजबूत प्रत्याशी के तौर पर बात करें तो इनके अलावा फिलहाल अन्य नाम सामने नहीं आ पाया है।
सूत्रों की बात करें तो इन तीनों नामों से किसी एक पर कमलनाथ दांव खेल सकते हैं।
Bahut badiya
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