शिवपुरी। जिले की करैरा नगर पंचायत में मप्र शासन के निर्धारित न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भी नसीब नहीं हो रहा है। इस तारतम्य में विगत दिवस श्रम अधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा आदेश जारी किया गया था, लेकिन इस आदेश का जिम्मेदारों द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इस ओर न तो जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न ही अधिकारियों द्वारा। श्रम अधिकारी द्वारा आदेश तो जारी कर दिए गए, लेकिन आदेश जारी करने के बाद वह इसका पालन कराना भूल गए। श्रम अधिकारी आदेश में सिर्फ और सिर्फ औचारिकताओं तक ही सिमट कर रह गया है।
जानकारी के अनुसार शासन द्वारा दैनिक वेतनभोगियों के लिए उनकी कार्यक्षमता के अनुसार न्यूनतम वेतनमान निर्धारित किया गया है, लेकिन शासन की मशीनरी द्वारा उसकी मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। श्रमिकों के इस अधिकार के संरक्षण की जिम्मेदारी जिला श्रम अधिकारी के कंधों पर है। विगत दिवस श्रम अधिकारी द्वारा मानव अधिकार आयोग भोपाल की अनुशंसा क्रमांक 836 के हवाले से जिले की सभी नगर पंचायत, जनपद पंचायतों को न्यूनतम वेतन देने के लिए पत्र जारी कर मप्र शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम वेतन देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन नगर परिषद करैरा के जिम्मेदार कर्ताधर्ताओं द्वारा श्रम विभाग के इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। इन दैनिक वेतनभोगियों को शोषण से मुक्त करने की श्रम विभाग की मंशा पर हठधर्मी और मनमानी पर उतारू अधिकारियों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। नगर परिषद की अनदेखी का शिकार हो रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा विगत दिवस जिला मुख्यालय पर श्रम विभाग में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई। अब देखना है कि श्रम विभाग इन अपने पत्र का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्या कोई सख्त कदम उठाएगा या फिर हमेशा की तरह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।







