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सोयाबीन बीज मिला प्रमाणित, अत्यधिक बारिश बनी अंकुरण में बाधा

किसानों की शिकायत पर कृषि विभाग के उपसंचालक ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा

उप संचालक करोरिया खेतों में सोयाबीन की फसल का निरीक्षण करते हुए।

शिवपुरी। बैराड़ तहसील में किसानों द्वारा सोयाबीन बीज के अंकुरण न होने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच दल गठित किया। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देश पर गठित इस दल का नेतृत्व उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास पीएस करोरिया ने किया।

दल ने मैसर्स राजौरिया कृषि सेवा केंद्र बैराड़ का निरीक्षण किया, जहां पाया गया कि विक्रेता के पास बीज विक्रय हेतु वैध अनुज्ञप्ति है। केंद्र द्वारा अरिहंत एग्रो सीड्स उज्जैन का प्रमाणित सोयाबीन बीज लगभग 150 क्विंटल की मात्रा में कृषकों को विक्रय किया गया था। बीज भौतिक रूप से सही पाया गया, हालांकि अंकुरण परीक्षण के लिए नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं। शिकायत की विस्तृत जांच हेतु 9 जुलाई को ग्राम गाजीगढ़ एवं 10 जुलाई को ग्राम टोड़ा में किसानों के खेतों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि बुवाई के बाद लगातार हुई वर्षा के कारण बीज का अंकुरण प्रभावित हुआ। इसके अतिरिक्त, कुछ स्थानों पर अधिक गहराई में बुवाई, जलभराव और मिट्टी की ऊपरी सतह कठोर होने जैसे कारण भी जिम्मेदार पाए गए। उप संचालक पीएस करोरिया ने बताया कि कृषकों की शिकायत के आधार पर विक्रेता की दुकान को सील कर दिया गया है। प्रयोगशाला परीक्षण की रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जिले में नकली बीज की कोई स्थिति सामने नहीं आई है। विशेष रूप से, जिन खेतों में मूँगफली एवं बाजरा बोया गया था, उनकी स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर पाई गई है।

लगातार बारिश से प्रभावित हुआ सोयाबीन अंकुरण, बीज मिला मानक अनुरूप: पी.एस. करोरिया

उप संचालक, किसान कल्याण एवं कृषि विकास पी.एस. करोरिया ने कृषकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बीज जांच की कार्यवाही त्वरित रूप से प्रारंभ की गई है। प्रारंभिक निरीक्षण में बीज भौतिक रूप से मानक अनुसार पाया गया है तथा प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नमूने भेजे गए हैं। खेतों का स्थलीय निरीक्षण करने पर यह सामने आया कि बुवाई के तुरंत बाद जिले में लगातार और अधिक वर्षा हुई, जिससे मिट्टी की ऊपरी सतह कठोर हो गई और अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। सोयाबीन के बीज मिट्टी की सतह को भेद नहीं पा रहे हैं, जिससे कई खेतों में पौधे बाहर नहीं निकल सके। इस स्थिति के कारण कृषकों को नुकसान हो रहा है। कृषि विभाग द्वारा स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है और प्रयोगशाला रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। कृषकों के हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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