- सीएमएचओ शिवपुरी ने जारी किए आदेश, कमेटी गठित
- हबेलगढ़ सरकार के महंत भी जांच के दायरे में
शिवपुरी- सोशल मीडिया पर भ्रूण परीक्षण की जांच कराकर लड़का या लड़की का पता लगाने का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में भ्रूण जांच कराने की स्वीकारोक्ति देने वाले शिवपुरी जिले के करैरा विकासखंड के ग्राम खोहा के सरपंच संजय यादव के विरुद्ध पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत जांच की जाएगी। यदि वह भ्रूण लिंग जांच कराए जाने के दोषी पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच के दायरे में हबेलगढ़ सरकार के महंत (बाबा) को भी शामिल किया गया है, जो वायरल वीडियो में लड़का होने की बात कहकर सरपंच को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय ऋषीश्वर ने प्रेस को बताया कि गत दिवस सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें बातचीत के दौरान एक भक्त (खोहा सरपंच संजय यादव) और हबेलगढ़ सरकार के महंत सहित अन्य भक्त दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में सरपंच संजय यादव महंत से कह रहे हैं कि "उनके द्वारा मशीन से जांच करा ली गई है, लड़का ही होगा।" इसके जवाब में महंत ने कहा, "हमने तो पहले ही कहा था कि मोड़ा दूंगी।"
खोहा सरपंच संजय यादव और महंत का यह कथित बयान मध्य प्रदेश शासन के पीसीपीएनडीटी एक्ट की मूल भावना के विरुद्ध है। एक्ट के अनुसार भ्रूण लिंग का परीक्षण करना, कराना अथवा इसके लिए प्रेरित करना अपराध है। इस वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने सीएमएचओ डॉ. संजय ऋषीश्वर को जांच कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सीएमएचओ शिवपुरी द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक/पीएनडीटी/2025/4429 दिनांक 02.04.2025 के माध्यम से 8 सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए हैं। इस कमेटी में शामिल सदस्य:
- एसडीएम करैरा अजय शर्मा
- जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन
- स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मोना गुप्ता
- शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप गर्ग
- पीसीपीएनडीटी कमेटी के जिला सलाहकार आलोक एम. इंदौरिया
- राकेश शर्मा
- एडवोकेट संजीव विलगैया
- नर्सिंग ऑफिसर रानी मेहरा
यह कमेटी तीन दिवस में ग्राम खोहा जाकर सरपंच संजय यादव, उनकी पत्नी और महंत जी के बयान दर्ज करेगी। इसके बाद रिपोर्ट कलेक्टर शिवपुरी को प्रस्तुत की जाएगी, जिसके आधार पर आगामी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात को लेकर चिंतित
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात को लेकर विशेष चिंतित है और हर तीन माह में पीसीपीएनडीटी कमेटी की बैठक कर इस दिशा में आवश्यक उपाय कर रहा है।