शिवपुरी। पंचायत में विकास कार्यों की आड़ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। हाल ही में बनाए गए रपटे की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि कुछ ही महीनों में वह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे पंचायत में हो रहे निर्माण कार्यों की सच्चाई उजागर हो गई।
यही नहीं, पंचायत के जिम्मेदारों ने फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी धन की बंदरबांट भी की। कई कार्यों में इस्तेमाल किए गए निर्माण सामग्री के नाम पर भुगतान निकाल लिया गया, लेकिन धरातल पर वह सामग्री मौजूद ही नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि पंचायत के पदाधिकारियों और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन को हड़पने का खेल खेला गया।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी कार्यों की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन की थी, उन्होंने इस भ्रष्टाचार पर आंखें क्यों मूंद लीं? आखिर किस आधार पर घटिया निर्माण और गैर-मौजूद सामग्री के नाम पर पूरा भुगतान निकाल लिया गया?
गांव के जागरूक नागरिकों ने इस घोटाले को उजागर कर प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि क्या शासन-प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा।