- ”पाल समाज समर्पण और बलिदान की अमिट धरोहर”, बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया
- बताया कि देवी अहिल्याबाई से मेरा संबंध सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि हृदय और रक्त का है
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ग्वालियर प्रवास के दूसरे दिन लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने पाल समाज के योगदान को नमन करते हुए कहा कि "पाल समाज त्याग, समर्पण और बलिदान की एक अमिट धरोहर है।" भगवान शिव के आशीर्वाद से इस समाज ने किसानों की कठिनाइयों को दूर करने में योगदान दिया है।
संघर्ष और बलिदान की गौरवगाथा
सिंधिया ने पाल और बघेल समाज के वीरतापूर्ण इतिहास का उल्लेख करते हुए राजा संगोरी राणा के बलिदान को याद किया।उन्होंने देवी लोकमाता अहिल्याबाई होलकर और सिंधिया परिवार के ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए कहा दोनो परिवारों ने भारत माता की रक्षा के लिए मिलकर संघर्ष किया, अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ लड़ाई हो या पानीपत का युद्ध, इस संघर्ष में सिंधिया परिवार के 14 पूर्वजों ने अपने प्राण न्योछावर किए।
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
उन्होंने बताया कि महादजी सिंधिया और देवी अहिल्याबाई होलकर ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से लेकर काशी के मंदिरों तक धरोहरों का पुनर्निर्माण कराया। उन्होंने कहा, "मेरा और अहिल्याबाई का संबंध केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि खून और दिल का रिश्ता है।"
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास
सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, जिसमें पाल समाज की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।