शिवपुरी। अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर बुधवार को शिवपुरी एकता फाउंडेशन और द हंस एकेडमी के बच्चों और शिक्षकों द्वारा नशे से होने वाले दुष्परिणाम के संबंध में एक जन जागरूकता रैली निकाली गईं जो कि पुरानी शिवपुरी में इमामबाड़े, अहीर मोहल्ला, महल सराय,और आदिवासी क्षेत्र से होती हुई मीर गार्डन में आकर समाप्त हुई इसके बाद मीर गार्डन में बच्चों पत्रकार एवं समाज सेवी मणिका शर्मा द्वारा सभी शिक्षक द्वारा बच्चों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई।
इस मौके पर बच्चों को बताया गया कि नशे की लत आपको और सारे समाज को बहुत महंगी पड़ती है और हमें इसके हानिकारक परिणामों को पहचानने में सक्षम होना चाहिए ताकि हम खुद को या किसी और को नशे की लत में न पडऩे दें। सबसे पहले, नशे की लत से स्वास्थ्य को बहुत नुकसान होता है। किसी भी चीज का सेवन हमारे शरीर के लिए बुरा है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह किस तरह की लत है, यह हमेशा किसी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी। इस अवसर पर बच्चों के साथ पत्रकार मणिका शर्मा, शाहिद ख़ान, पत्रकार अशफाक खान, हारिस खान, रहबर, समीर खान, अवरार फारूखी, सुहैल खान और शिवपुरी एकता फाउंडेशन तथा द हंस एकेडमी की टीम सहित सम्मानीय नागरिकगण भी उपस्थित रहे।
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अपनी लत को हराएं
अगर आपको ड्रग्स या शराब की लत है, तो आपको कई तरह की बीमारियाँ होंगी। इसी तरह अगर आपको वीडियो गेम की लत है, तो आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। इसके अलावा, नशे की लत के शिकार लोगों को आमतौर पर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे-जैसे वे उस चीज़ का अत्यधिक उपयोग करते हैं, वे उस पर बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं। लोग अपनी लत को पूरा करने के लिए अपनी सारी किस्मत उस एक चीज़ पर खर्च करने के लिए जुनूनी हो जाते हैं। इस प्रकार ड्रग्स, शराब, जुआ और अन्य सभी व्यसनों से व्यक्ति का वित्त खत्म हो जाता है और वे आमतौर पर कर्ज में डूब जाते हैं या इससे भी बदतर स्थिति में पहुँच जाते हैं। इसके अलावा उनके सारे रिश्ते खत्म हो जाते हैं उनकी पढ़ाई या कामकाजी जीवन को भी बाधित करता है। जब आप अपना सारा पैसा और समय अपनी लत पर खर्च कर रहे हैं, तो स्वाभाविक रूप से अन्य चीजों में आपकी एकाग्रता का स्तर कम हो जाएगा। हालाँकि, यह सब हराना असंभव नहीं है। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे कोई अपनी लत को हरा सकता है। अपनी लत से हार मानने के बजाय उसे हराने की दिशा में काम करना सबसे अच्छा है।