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निजी स्कूलों में डमी भर्ती, बिना उपस्थिति परीक्षार्थियों के हो रही प्रायोगिक परीक्षा


-शहर में दर्जनभर निजी स्कूल मोटी फीस के सहारे परीक्षा को बना रहे मजाक

केदार सिंह गोलिया, शिवपुरी। शहर में शिक्षा माफियाओं ने परीक्षा जैसी पवित्र और संवेदनशील प्रक्रिया को भी मजाक बना छोड़ा है। चौकाने वाले मामले शहर व अंचल में संचालित दर्जनभर से अधिक निजी स्कूलों में सामने आए हैं जहां 10 वी के बाद 11 वी और 12 वी कक्षा के साथ जेईई और नीट की तैयारी करने वाले बच्चों को बिना एक भी दिन स्कूल आए न केवल नियमित छात्र दर्शाया जा रहा है, बल्कि उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद प्रायोगिक जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में उन्हें पास कर अच्छे नंबर दिलवाए जाने की पुष्ट खबरें भी सामने आ रही हैं। इस पूरे खेल में स्कूल संचालक और प्रायोगिक परीक्षा के लिए बतौर एक्सटर्नल पहुंचने वाले सरकारी शिक्षक भी शामिल हैं जो व्यवस्था शुल्क के चलते कोटा और अन्य दीगर शहरों में रह रहे इन डमी परीक्षार्थियों को पास कर अंक भी प्रदान कर देते हैं। जिम्मेदारी अधिकारी यदि इस पूरे मामले में तकनीकी और साइबर स्तर से जांच करें तो ऐसे सैंकड़ों मामले खुलकर सामने आ जाएंगे। 

10 से 20 हजार रुपए तक वसूलते हैं स्कूल संचालक

शहर में कई ऐसे स्कूल हैं जहां नियमित कक्षाएं और छात्रों की उपस्थिति न के बराबर नजर आती है, लेकिन उनकी प्रवेश पंजी देखें तो 11 वी और 12 वी में छात्रों की संख्या इसकी तुलना में कई गुना नजर आएगी। दरअसल यह सभी अतिरिक्त प्रवेश छात्र यहां सिर्फ एडमिशन लेकर अन्य शहरों या शिवपुरी में ही कोचिंग संस्थानों में प्रवेश ले लेते हैं और स्कूलों में सिर्फ उनका नाम चलता है इसके ऐवज में स्कूल संचालक 10 से 20 हजार रुपए तक प्रति छात्र वसूलते हैं। इसके अलावा प्रायोगिक जैसी परीक्षा में अनुपस्थित रहने के बावजूद उपस्थित दर्शाने व भरपूर अंक दिलाने के ऐवज में अलग से राशि वसूलते हैं। फर्जीवाड़े के इस खेल में शिक्षा माफिया के साथ-साथ सरकारी शिक्षा तंत्र के कई नुमाइंदे भी शामिल हैं। 

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