जन्मोत्सव पर अनुयायियों ने लिया उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प
शिवपुरी। भारत के संविधान निर्माता एवं भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की 132वीं जयंती शहर से लेकर जिलेभर में धूमधाम से मनाई गई। शहर भर में कई स्थानों पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं बाबा साहब के अनुयायियों ने एक विशाल रैली निकालकर उनका जन्मोत्सव धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया। नगर में अनेक स्थानों पर विशाल रैली का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर युवा एवं महिलाएं डीजे की धुनों पर थिरकते हुए चल रहे थे तो वहीं बाइक पर सवार होकर पुरूषों हाथों में नीला झण्डा लेकर आगे बढ़ रहे थे और जय भीम...जय भीम के उद्घोष गूंज रहे थे। रैली में बाबा साहब की प्रतिमा का बड़ा विमान पीछे चल रहा था। रैली का शुभारंभ शिवमंदिर टॉकीज के सामने स्थित अम्बेडकर भवन से किया गया। रैली कमलागंज, माधवचौक चौराहे, कोर्ट रोड, कोतवाली रोड होते हुए कस्टम पर पहुंची जहां रैली का समापन हुआ। रैली का रास्ते में जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। रैली उनके अनुयायियों का जोश देखते ही बन रहा था। रैली का समापन एक सभा के रूप में किया गया जहां वक्ताओं ने बाबा साहब के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब की 132वीं की जयंती को एक त्यौहार व पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। बाबा साहब के त्याग व बलिदान के कारण राष्ट्र ही नही संपूर्ण विश्व अभिभूत है। बाबा साहब ने दलित समाज ही नहीं, बल्कि सभी समाजों के लिए संविधान में निरंतर विकास व उन्नती का संविधान दिया है। बाबा साहब ने सभी समाज के लोगों से समाज ग्राम, नगर, प्रदेश व देश हित में कार्य करने की अपेक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि महापुरूर्षों के आदर्श व सिद्वान्त किसी जाति व सम्प्रदाय के ना होकर सभी को साथ लेकर सेवाभाव के साथ आगे बढऩे की जिम्मेदारी देते है। देश ही नहीं संपूर्ण विश्व के महापुरूष बाबा साहब पर गर्व करते है कि उन्होंने सभी लोगों को मौलिक अधिकारों के साथ अपने-अपने कर्तव्यों, क्षेत्र, राष्ट्र व समाज के प्रति कार्य करें। वक्ताओं ने सभी समाजों से एक सूत्र में बांध कर कार्य करने का आव्हान किया। वक्ताओं ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब संपूर्ण भारत देश ही नहीं बल्कि विश्व के 125 देशों के प्रेरणा स्त्रोत होकर आज भारत सहित विश्व के 125 देशों में बाबा साहब की जयंती मनाई जा रही है। दुनिया में ज्ञान का प्रतीक बाबा साहब को अमेरिका जैसे देशों ने भी ज्ञान का प्रतीक मानकर पूजा की जाती है। वक्ताओं ने आगे बताया कि बाबा साहब के संविधान के आधार पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर शासकीय सेवा में पहुंचे लोगों से कहा कि वे सभी सेवक समाज के ऋणि है, जिनकी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर वे हजारों रूपये प्रतिमाह पाते है, जब ऐसे सेवकों का भी फर्ज बनता है कि वे अपने समाज व क्षेत्र के गरीब पीडि़त, लाचार व्यक्तियों की सेवाकर, समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें। इस अवसर पर उनके अनुयायियों ने बाबा साहब के बताये सिद्वान्तों पर चलकर आगे बढऩे की शपथ ली।







