अधिकतर विद्यार्थी 2 से 3 महीने पहले चले थे नंगे पांव जमीन पर
आपने कितने समय पहले जमीन पर पैर रखा था ? हमारी दिनचर्या ऐसी हो गई है कि हम हमेशा शूज, स्लीपर पहने रहते हैं । प्रकृति से जुड़ना हम कहीं भूल चुके हैं । जितना हम प्रकृति के नजदीक रहेंगे हम स्वस्थ रहेंगे। अभी हाल ही में जब 125 वर्ष के स्वामी शिवानंद जी पद्मश्री प्राप्त करने पहुंचे तो सभी उनकी चाल को देखकर आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने बताया कि उनका प्रकृति से जुड़ाव और साधारण दिनचर्या ही उन्हें इतना स्वस्थ बनाए हुए हैं ।
गीता पब्लिक स्कूल की योगा टीचर शिवांगी पाठक ने विद्यार्थियों को पृथ्वी और उससे हमारे जुड़ाव के महत्व को समझाते हुए आज स्कूल परिसर में विद्यार्थियों के शूज और सॉक्स उतरवाए और उन्हें नंगे पांव स्कूल ग्राउंड में एक्टिविटीज करवाई। उनके हाथ और पैर प्रकृति के संपर्क में आना चाहिए इसके लिए उन्हें कंकड़ ,पत्थर ,रेत ,काली मिट्टी में अलग-अलग एक्टिविटीज करवाई गई और विद्यार्थियों से कुछ समय के लिए अपने पैरों को पानी में डूबे रखने की एक्टिविटी भी करवाई गई। साथ ही उन्होंने बच्चों को किन जगहों पर हमें शूज का प्रयोग नहीं करना चाहिए बताते हुए कहा कि घर के अंदर रसोई घर में , मंदिर में , पेड़ों पर चढ़ते समय हमें शूज का प्रयोग नहीं करना चाहिए इससे स्वच्छता बनी रहती है और घर में बीमारियां फैलने का डर कम रहता है।बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ सभी एक्टिविटीज को परफॉर्म किया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि मानव शरीर जिन पांच तत्वों से बना है वे हैं: पृथ्वी ,जल, अग्नि, वायु, आकाश।
पृथ्वी तत्व से हमारा भौतिक शरीर बनता है जिन तत्वों, धातुओं और अधातुओ से पृथ्वी बनी है उन्हीं से हमारे भौतिक शरीर की भी रचना हुई है ।
जल तत्व का मतलब तरलता से है चाहे वह पानी हो , खून हो या शरीर में बनने वाले सभी तरह के रस और एंजाइम।
अग्नि तत्व ऊर्जा , ऊष्मा और ताप का प्रतीक है। यही अग्नि तत्व भोजन को पचाकर शरीर को स्वस्थ रखता है।
हम सांस के रूप में वायु (ऑक्सीजन) लेते हैं जिससे हमारा जीवन है।
साथ ही उन्होंने बच्चों को बताया कि हमारे हाथों और पैरों की उंगलियों में पूरे शरीर के पॉइंट्स होते हैं। अगर हम इन से प्रॉपर वर्क करते हैं तो पॉइंट भी प्रेस होते हैं जिससे हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम करते हैं। हमने देखा है गांव के बच्चे जल्दी बीमार नहीं पड़ते उनकी इम्युनिटी ज्यादा स्ट्रांग होती है। वहीं शहर के बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं । इसका कारण गांव में बच्चे प्रकृति की गोद में रहते हैं जिससे उनकी इम्युनिटी भी स्ट्रांग बनी रहती है। इसलिए हम सभी का जुड़ाव प्रकृति से रहना चाहिए अगर हम स्वस्थ बने रहना चाहते हैं।






