शिवपुरी। प्रशासन द्वारा जब भी कोई कार्यवाही की जाती है तो उसका सबसे ज्यादा कहर गरीबों पर ही भरपाया जाता है, अमीर तो अपने रसूख और राजनैतिक ताकत की दम से या तो प्रशासन को चुप रहने पर मजबूर कर देते हैं या फिर झुकनने पर विवश कर देते हैं। गरीब लोग न्याय के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के सामने सिर्फ और सिर्फ गिड़गिड़ाते ही नजर आते हैं। इसी तरह का वाक्या ग्वालियर वायपास क्षेत्र में शासकीय माफी की भूमि स्थित सर्वे नंबर 921 टुकड़ा नंबर 2 पर देखने को मिला है। उक्त भूमि हृदेश पुत्र विजय कुमार प्रजापति और जाकिर पुत्र चांद खान द्वारा खेड़ापति मंदिर के पुजारी लक्ष्मणदास त्यागी की माँ से किराये पर ली थी जिसका किराया भी बकायदा जमा कराया जाता, लेकिन विगत दिनों शहरभर में चली अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत उक्त भूमि पर बनी दुकानों को अतिक्रमण बताकर जमीदोज कर दिया। जबकि उक्त दुकानदारों को किराया जमा करने के लिए तत्समय आदेश भी मिला था इसके बावजूद भी इनका किराया जमा नहीं किया गया। वहीं दूसरी ओर आईटीबी गेट के सामने धनाढ्य लोगों की दुकानों इसी भूमि के दूसरे सर्वे नंबर पर स्थित हैं और आज भी इनके द्वारा किराया जमा किया जा रहा है। रसूख और ऊपरी पहुंच के चलते प्रशासन की हिटैची यहां तक नहीं पहुंच सकी। प्रशासन की इस दोयम दर्जे की कार्यवाही ने गरीब लोगों से लॉकडाउन में उनका रोजगार छीन कर उन्हें आर्थिक संकट में डाल दिया है। पीडि़त दुकानदार आज भी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाते और प्रशासनिक अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाते फिर रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
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