आधुनिक तकनीकि से निखरेगा परम्परागत शिक्षा का स्वरूप
शिवपुरी। वर्तमान संदर्भ में ऑनलाइन शिक्षा के महत्व पर वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें विचार रखते हुए मोटीवेटर एवं विकास अधिकारी रमाकांत रमाकांत त्रिपाठी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा में छात्र के साथ-साथ अभिभावक भी ज्ञान हासिल कर सकते हैं। आकाश इंस्टीटयूट के भोपाल हैड अहतेशाम उद्दीन ने कहा कि हमें ऑनलाइन शिक्षा की ओर बढऩा ही होगा। इसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। आकाशवाणी के उद्घघोषक समर्थ अग्रवाल ने प्रत्यक्ष शिक्षा को ही उचित माना। वहीं जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी आसफि अफगानी ने परम्परागत शिक्षा के साथ ही ऑनलाइन शिक्षा को अनिवार्यता देने पर बल दिया ताकि महामारी जैसे समय में भी अवरोध न आये। दिल्ली से जुड़े दून स्कूल गु्रप के संचालक शरतचन्द्र ने कहा प्रायमरी स्तर तक पाठ्यक्रम कार्टून, फिल्म रोल प्ले आदि द्वारा तैयार कर छात्रों को उपलब्ध कराना होगा। छोटे बच्चे उसे पसंद करते हैं, लेकिन अधिक समय तक मोबाइल कम्प्यूटर का उपयोग हानिकारक भी हो सकता है। जिला रोजगार अधिकारी स्वप्निल श्रीवास्तव ने कहा कि आज काफी विभागों के काम ऑनलाइन हो रहे हैं शिक्षा के क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीकि का प्रयोग होने लगा है।
दून पब्लिक स्कूल की संचालिका डॉ. खुशी खान ने कहा कि हम आईसीटी की बड़ी कम्पनियों की सहायता से पठन-पाठन की वर्चुअल क्लास भी दने को तैयार हैं। इसके प्रयोग भी जारी हैं। जिसकी क्लासरूम शिक्षा बच्चों को अनिवार्य है। जबलपुर से जुड़े यंग प्रोफेसर वीपीएम सेंगर ने दस वर्ष तक के बच्चों को एनीमेटेड फिल्मों के माध्यम शिक्षा देने की बात रखी। संगोष्ठी में प्रसिद्ध वकील संजीव बिलगैयां, यूसीमास- अवेकस की रेणु अग्रवाल प्रोफेसर अनीता जैन, वैभव जैन, डा. संजय शर्मा, गिर्राज हिंडोलिया ने भी अपने विचार रखे वेबीनार का संचालन अखलाक खान एवं शाहिद खान ने किया व आभार दून स्कूल की संचालक डा. खुशी खान ने व्यक्त किया।