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"अगर गिर्राज शर्मा अभी भी होते सीईओ, तो क्या सरपंच संघ अध्यक्ष मांगते माफ़ी?"

यू-टर्न की राजनीति, दबाव की दुहाई या भ्रष्टाचार का भय — किस रंग में रंगे हैं 'फौजी' अध्यक्ष?


केदार करामाती, 7999366077 

शिवपुरी/पोहरी। राजनीति में 'यू-टर्न' कोई नई बात नहीं, लेकिन पोहरी में सरपंच संघ अध्यक्ष केशव सिंह फौजी का माफीनामा कई सवाल खड़े कर रहा है। कल तक सीईओ गिर्राज शर्मा के समर्थन में रैली निकालने वाले फौजी आज उन्हीं जनपद सदस्यों से माफी मांग रहे हैं, जिनके खिलाफ वे खुद मोर्चा खोले थे।

अब जब गिर्राज शर्मा को निलंबित कर दिया गया है, तो अचानक 'दबाव' की कहानी सामने आ गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में फौजी कहते हैं कि उन्होंने पूर्व सीईओ के दबाव में आकर जनपद अध्यक्ष और सदस्यों के खिलाफ शिकायत की थी। पर क्या यह माफीनामा आत्मग्लानि है या संभावित कार्रवाई से बचने की रणनीति?

आरटीआई से उठे सवालों ने सरपंच फौजी की अपनी पंचायत की कार्यशैली को कटघरे में ला दिया है। मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंच चुका है और फौजी की बेचैनी अब सोशल मीडिया पर खुलकर नजर आ रही है।

बड़े सवाल ....?

  • क्या फौजी की पहले की बात सही थी या अब की?
  • क्या यह माफी सच में पछतावे की है या डर का प्रदर्शन?
  • क्या सरपंच संघ अध्यक्ष अवसरवादी हैं?

और सबसे बड़ा सवाल: अगर गिर्राज शर्मा आज भी सीईओ होते, तो क्या यह माफीनामा आता?

संदेह के घेरे में इन सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे, लेकिन फिलहाल जनता के मन में सिर्फ एक ही बात है—सच्चाई कहीं खो तो नहीं गई, 'दबाव' की धुंध में?


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Kedar Singh Goliya, Mo.- 7999366077
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