शिवपुरी। खेल-खेल में हुई एक खतरनाक लापरवाही में दो मासूम बच्चियों ने 1 और 5 रुपये के सिक्के निगल लिए। सांस लेने और निगलने में दिक्कत आने पर परिजन घबरा गए और उन्हें तत्काल उपचार के लिए श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी लेकर पहुंचे। जहां समय रहते डॉक्टरों ने सतर्कता दिखाते हुए आहार नली में फंसे सिक्कों को एंडोस्कोप की मदद से निकाल लिया। दोनों बच्चियां अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
सिक्का फंसा सांस व आहार नली के बीच
शिवपुरी निवासी अर्चना (7 वर्ष) ने 5 रुपये का, जबकि शिवानी ने 1 रुपये का सिक्का निगल लिया था। घटना के 4-5 दिन बाद जब उन्हें सांस लेने व निगलने में परेशानी हुई, तब परिजन उन्हें मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मेघा प्रभाकर ने तत्काल एक्स-रे जांच कर स्थिति का आंकलन किया। इसके बाद एसआर डॉ. मीनाक्षी गर्ग और एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पा अग्रवाल की मदद से ऑपरेशन थिएटर में एंडोस्कोपी कर दोनों बच्चियों के गले से सिक्के सफलतापूर्वक निकाल लिए गए।
बेहतर समन्वय से बची जान
ऑपरेशन के दौरान बच्चियों को सुरक्षित बाल शिशु एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया गया ताकि किसी भी जटिल स्थिति से बचा जा सके। डॉ. शिल्पा अग्रवाल ने बताया कि पूरी प्रक्रिया बेहद संवेदनशील थी, लेकिन विशेषज्ञ टीम ने सफलतापूर्वक कुछ ही मिनटों में सिक्कों को निकाल लिया।
डॉक्टरों को बताया भगवान
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मेघा प्रभाकर ने बताया कि बच्चों की हालत काफी नाजुक थी। जैसे ही हमें जानकारी मिली, हमने अधिष्ठाता डॉ. डी. परमहंस और विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र त्रिपाठी को सूचित किया। उनके निर्देशन में पूरी टीम ने संयम और कुशलता से यह ऑपरेशन किया। परिजनों ने डॉक्टरों का आभार जताते हुए कहा कि डॉक्टर हमारे लिए भगवान बनकर आए और हमारे बच्चों की जान बचाई।
मेडिकल कॉलेज की सुविधा बनी जीवनरक्षक
यह घटना मेडिकल कॉलेज में मौजूद अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्परता का उदाहरण है। समय पर सही उपचार मिले, तो जीवन संकट से भी बचाया जा सकता है—यह उदाहरण भी अब शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियों में शामिल हो गया है।