शिवपुरी।पोहरी वन क्षेत्र की 10 बीटों को कूनो नेशनल पार्क में विलय किया जा रहा है, जिसके तहत गुरुवार को सभी संबंधित स्टाफ को कूनो भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, इस प्रक्रिया में पक्षपात के आरोप लग रहे हैं, सूत्रों की मानें तो रेंजर श्रुति राठौर ने चार कर्मचारियों को कूनो भेजने से रोक लिया, जबकि अन्य को वहां तैनात कर दिया गया।
विलय से प्रभावित कर्मचारी:
कूनो जाने से रोके गए:
1. भानु प्रताप धाकड़ (बीट गार्ड)2
. अजय कुमार पंचवेदी (डिप्टी रेंजर)
3. नीरज गोस्वामी (बीट गार्ड)
4. नवल किशोर शर्मा (डिप्टी रेंजर)
कूनो में भेजे गए:
1. माधव सिंह धाकड़
2. शिखर जैन
3. अभिषेक जैन
4. लोकेंद्र अटल
5. भूपेंद्र सिंह राजपूत
6. कुलदीप सिंह परमार
7. योगेश शर्मा
8. हेमंत दुबे (वनपाल)
9. राहुल अवस्थी
10. मुकेश कुमार जाटव
क्या ईमानदार डीएफओ इस भेदभाव को रोक पाएंगे?
डीएफओ सुधांशु यादव, जो अपनी निष्पक्ष कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं, जब शिवपुरी आए थे तो उन्होंने अनुशासनहीनता करने वाले कई वनकर्मियों पर कार्रवाई की थी। तब ऐसा लग रहा था कि उनके आने से वन विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। लेकिन अब पोहरी में रेंजर द्वारा किए गए इस पक्षपातपूर्ण निर्णय के बाद, सभी की नजरें डीएफओ पर टिकी हैं।
क्या ईमानदार डीएफओ इस मामले में निष्पक्ष जांच कर भेदभाव को रोक पाएंगे? या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबकर रह जाएगा? अब देखना होगा कि वन विभाग में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए डीएफओ क्या कदम उठाते हैं।