जिले के कतिपय सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों से ज्यादा हैसियत रखने वाले और हर छोटे-बड़े काम में इन्हीं के माध्यम से फाइल पर मोहर लगने की प्रक्रिया को संपादित करने वाले तथाकथित दलालों की अब बल्ले-बल्ले होने जा रही है। दफ्तरों में सरकारी पेशा दलालों की सक्रियता से सरकारी काम गतिपूर्वक निदान होने से प्रभावित होकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अफसरों के चेहते इन दलालों को अब सरकार अधिकृत तमगा (बिल्ला) जारी करेगी ताकि अपने सरकारी काम कराने के लिए पहुंचने वाले लोगों को अधिकृत दलाल ढूंढने में परेशानी न हो और वे किसी गलत के चंगुल में न फंस जाए, इतना ही नहीं अब दलाल प्रोत्साहन योजना भी लागू कर दी गई है। बता दें कि होली के अवसर पर सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है, जिससे सरकारी दफ्तरों में दलाली करने वालों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब तक जिन दलालों को तिरस्कार की नजर से देखा जाता था, उन्हें अब सरकार द्वारा न केवल आधिकारिक मान्यता मिलेगी, बल्कि उनके लिए विशेष भत्ते की भी व्यवस्था की जाएगी।
सरकार के इस फैसले के बाद सरकारी विभागों में कार्यरत बाबुओं और अफसरों के साथ काम करने वाले दलालों का कद और बढ़ गया है। वर्षों से सरकारी फाइलों को आगे बढ़ाने और जरूरी काम करवाने में जिनकी भूमिका रही है, अब उन्हें उचित सम्मान और सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
इस फैसले की जानकारी मिलते ही कई विभागों में खुशी का माहौल बन गया है, और कई दलाली की प्राथमिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सरकारी कर्मचारी भी अब इस नई दलाल 'प्रोत्साहन योजना' का हिस्सा बनने की होड़ में लग गए हैं।
सरकार की इस नई नीति को लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। जहां एक तरफ दलालों ने इसे ऐतिहासिक बताया है, वहीं आम जनता इसे सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार को व्यवस्थित रूप देने वाला कदम मान रही है। हालांकि हमेशा की तरह विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे गलत बताया है और उनका कहना है कि काम के ऐवज में ली जाने वाली सुविधा शुल्क की अधिकृत सूची भी जारी की जानी चाहिए थी।
फिलहाल, सरकार के इस फैसले से दलालों की कॉलर ऊंची हो गई है, और वे गर्व के साथ अपने कार्य को 'सरकारी सेवा' का हिस्सा मान रहे हैं। (होली न्यूज 😋😋😋😋🥱 ....बुरा ना मानो....)