Breaking Ticker

पंचायत सचिवों का उत्पीडऩ बर्दाश्त नहीं, समाधान नहीं तो होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन

पंचायत सचिव निलंबन और वेतन राजसात से नाराज पंचायत सचिवों ने सीईओ को सौंपा ज्ञापन

बोले- किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की जिम्मेदारी प्रशासन की


शिवपुरी। जिलेभर के पंचायत सचिवों ने गुरुवार को मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के बैनर तले संभागीय अध्यक्ष राकेश शर्मा और जिलाध्यक्ष मलखन सिंह बघेल के नेतृत्व में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु जैन को ज्ञापन सौंपा है। सचिवों ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही कथित प्रताडऩा का विरोध किया है। पंचायत सचिवों का कहना है कि वे पूरी निष्ठा से जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ बिना जांच के निलंबन और अधिकार समाप्त करने जैसी कार्रवाई की जा रही है।

नरवर की ग्राम पंचायत बेरखेड़ा की महिला सचिव सुनीता रावत को बिना कारण जिले से संलग्न कर दिया गया। शिवपुरी और नरवर के कई सचिवों का वेतन भी बिना सूचना के राजसात किया गया है। जिले की कई जनपदों में पंचायत सचिवों को संलग्न किया गया है। रिक्त पंचायतों में उनकी जगह ग्राम रोजगार सहायकों को प्रभार दिया जा रहा है। सचिवों की मांग है कि संलग्न सचिवों को रिक्त ग्राम पंचायतों में पदस्थ किया जाए। पंचायत सचिवों ने अत्यधिक कार्यभार का मुद्दा भी उठाया है। उनसे अवकाश के दिनों में भी काम लिया जा रहा है। अनुपस्थिति पर वेतन राजसात करने से वे मानसिक तनाव में हैं। सचिवों ने चेतावनी दी है कि किसी अप्रिय घटना के लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार होगा। ज्ञापन में बदरवास के तीन पंचायत सचिवों के लंबित एरियर भुगतान की मांग की गई है। साथ ही दिवंगत सचिवों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने की भी मांग की गई है। इस दौरान संगठन के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक मौजूद रहे। जिनमें प्रमुख रूप से महेश ओझा, कुंवरलाल जाटव, भारत सुमन त्रिवेदी,  नीलेश दुबे, मनोहर सिंह रावत, वीर सिंह गुर्जर, कुंवरलाल धनेरिया, संजीव शर्मा, हनुमंत सिंह रावत, भरत सिंह गुर्जर, राजेन्द्र कुशवाह, कल्लू राम झा, सुखदेव रावत, द्वारिका प्रसाद जाटव, नारायण जाटव, रघुवीर रावत, सतीश रावत आदि मौजूद रहे। 

इनका कहना है

पंचायत सचिवों के साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिना सूचना नोटिस देना, वेतन राजसात करना, और जनपदों में जबरन संलग्न करना पूरी तरह अनुचित है। महिला सचिवों को जिला केंद्र पर अटैच करना भी निंदनीय है। हमने इस मुद्दे को लेकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को ज्ञापन सौंपा है, और उन्होंने सात दिन में समाधान का आश्वासन दिया है। यदि समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ, तो आंदोलन संभाग और प्रदेश स्तर पर किया जाएगा। पंचायत सचिवों के अधिकारों की रक्षा के लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को यह समझना आवश्यक है कि पंचायत सचिवों का सम्मान और अधिकार सुनिश्चित किए बिना ग्राम पंचायत की अवधारणा और शासन की 23-बिंदु योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो सकता है। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें ताकि पंचायत सचिव सुचारू रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें और शासन की योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू हो सकें।

राकेश शर्मा, संभागीय अध्यक्ष

मप्र पंचायत सचिव संगठन, ग्वालियर

-पंचायत सचिवों के साथ लगातार दुव्र्यहार किया जा रहा है और उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। बिना सूचना के नोटिस देना, वेतन रोकना, जबरन संलग्न करना और महिला सचिवों को जिला केंद्र पर अटैच करना अनुचित है। प्रशासन की इस कार्यप्रणाली के खिलाफ हमने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को ज्ञापन सौंपा है। 

मलखान सिंह बघेल, जिलाध्यक्ष

मप्र पंचायत सचिव संगठन, शिवपुरी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Kedar Singh Goliya, Mo.- 7999366077
......

......

------------

-------------


-------
---------