इमरजेंसी पर्चे सहित ऑक्सीजन व्यवस्था रही फेल, भर्ती मरीज होते रहे परेशान
शिवपुरी। जिला अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां जिला अस्पताल में बुधवार रात करीब आधे घंटे तक बत्ती गुल रही। वहीं, अस्पताल के पास जनरेटर होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया गया। इससे भर्ती मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई सांस के मरीजों के अटेंडरों के माथे पर चिंता की लकीरे देखी गईं। जिला अस्पताल में तैनात ड्यूटी डॉक्टर मोबाइल की टोर्च की रोशनी में काम करते हुए देखे गए। इमरजेंसी में आए मरीजों के पर्चे नहीं बन सके। ट्रॉमा सेंटर समेत अन्य वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई भी बाधित रही।
बुधवार शाम से ही मौसम खराब हो गया था। शहर में तेज आंधी के बाद हल्की बारिश हुई थी। इससे शहर में बिजली सप्लाई की भी व्यवस्था चरमरा गई थी। इसी दौरान जिला अस्पताल की रात करीब साढ़े आठ बजे बिजली गुल हो गई थी और रात नो बजे बिजली सप्लाई चालू हुई थी। लेकिन जिला अस्पताल में आधे घंटे तक बिजली गुल रहने के बावजूद जिला अस्पताल के जनरेटरों को चलाया ही नहीं गया और न ही जनरेटर चालु करने की कोशिश की गई। जबकि जिला अस्पताल में बिजली व्यबस्था को बहाल रखने के लिए जनरेटरों को ऑटोमिशन सिस्टम के जरिए स्वत: ही चालू हो जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ना ही जनरेटरों को मेनुअली चलाया गया। अस्पताल में भर्ती मरीज के बेटे प्रमोद ने बताया कि उसके पिता 70 साल के हैं। उन्हें सांस की बीमारी के चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बिजली गुल रहने के चलते उसके पिता को ऑक्सीजन नहीं मिल सकी थी। जिससे उन्हें घबराहट और बेचैनी हुई थी। पुरानी शिवपुरी के रहने बाले मोहम्मद आबिद अंसारी ने बताया कि वह अपनी पांच साल की बीमार बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। लेकिन बिजली न होने की वजह से भर्ती का पर्चा ही नहीं बन सका था। इस लापरवाही के मामले में जब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बी एल यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि घरों में भी बिजली गुल होती है। यह वैसे आम बात है इसके साथ ही उन्होंने बिजली सप्लाई बंद रहने का कारण बिजली सप्लाई कट होने के बाद जनरेटर के ऑटोमिशन सिस्टम को फेल होना बताया। उन्होंने कहा कि टेक्नीशियन के द्वारा 15 मिनट बाद जनरेटरों को मेनुअली चालु कर दिया गया था।