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ईमानदारी का ठीकरा पीटने वाले अस्पताल प्रबंधन की खुली पोल, नर्स ने ली रिश्वत, वीडियो वायरल

वीडियो में दिख रही दोनों नर्सों को हटाया

शिवपुरी। जिला अस्पताल में नर्स द्वारा प्रसव के लिए रूपए लिए जाने का एक वीडियो कल से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया गया है। यह वीडियो वायरल होने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन में हड़कम्प मच गया है और तुरंत ही वीडियो में दिख रही एक नर्स शारदा चंदेल और गीता बाई पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया गया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन जांच करने की बात कह रहा है। हाल ही में पिछोर निवासी एक महिला रीना सेन की डॉक्टरों की लापरवाही से मौत होने के बाद परिजनों ने नर्स और डॉक्टरों पर प्रसव हेतु 1 हजार रूपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
ज्ञात हो कि अस्पताल में प्रसव कराने आने वाले प्रसूताओं के परिजनों से प्रसव के लिए राशि निर्धारण कर दी गई है। जिसे लेकर कई बार अस्पताल प्रबंधन सवालों के घेरे में आ चुका है। लेकिन हर बार अस्पताल प्रबंधन अपने आप को ईमानदार बताकर पीडि़त परिवारों पर ही सारा ठीकरा फोड़ देता था। लेकिन इस बार अस्पताल प्रबंधन की ऐसी पोल खुली है कि प्रबंधन इस बारे में कोई जबाव भी नहीं दे पा रहा है। घटना दो तीन दिन पुरानी है। जहां दो महिलाओं को प्रसव हेतु अस्पताल लाया गया था। लेकिन डॉक्टरों ने ऑपरेशन से डिलेवरी होने की बात कही। लेकिन जब महिलाओं ने ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स शारदा चंदेल से बात की तो उनसे नॉर्मल डिलेवरी कराने के रूपए मांगे गए। जब महिला ने नर्स को 30 रूपए दिए तो उसने लेने से इंकार कर दिया और कहा कि इन रूपयों से कुछ नहीं होगा। मुझे ऊपर दीदी को भी देना पड़ता है। इसके बाद महिला ने उसे 100 रूपए दिए। जो कैमरे में कैद हो गए। वहीं दूसरी महिला से प्रसव कराने वाली गीता बाई ने रूपए मांगे और वह भी रूपए लेती हुई कैमरे में कैद हो गई। जब यह वीडियो सोशल साईट्स पर वायरल हुआ तो अस्पताल में हड़कम्प मच गया और आनन-फानन में सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे ने दोनों महिला स्टाफ को वहां से हटाकर उनके स्थान पर दूसरा स्टाफ तैनात कर दिया। वहीं दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिख दिया है।
प्रसव वार्ड में चुनिंदा नर्सों को रखा जाता है
अस्पताल में स्थित प्रसव वार्ड में डॉक्टरों द्वारा कुछ चिन्हित नर्सों को ही रखा जाता है और उन्हें वसूली की पूरी छूट दी जाती है। आरोप यह लगते रहे हैं कि डॉक्टरों के संरक्षण में ही नर्सें प्रसव के दौरान खुलेआम रिश्वत की मांग करती हैं और जो उन्हें मांगी गई रकम दे देता है उन महिलाओं का प्रसव सुरक्षित कराया जाता है और जो रूपए नहीं दे पाते उन महिलाओं के प्रसव में लापरवाही बरती जाती है और इन्हीं लापरवाहियों के चलते कई प्रसूताओं की मौत हो चुकी हैं। जिस पर अस्पताल प्रबंधन दोषियों को बचाने में जुट जाता है।

इनका कहना है
रिश्वत लेने का जो वीडियो वायरल हुआ है। जिसे गंभीरता से लेते हुए नर्स और बाई को हटा दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
डॉ. पीके खरे, सिविल सर्जन जिला अस्पताल शिवपुरी

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