Breaking Ticker

भाजपा में बागी प्रत्याशी खुलकर मैदान में, 14 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद मची उथल पुथल

शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 29 सीटों में से 15 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, लेकिन घोषणा करने के बाद भाजपा में बगावत से उथल पुथल मच गई है और पार्टी नेता डैमेज कंट्रोल में व्यस्त हो गए हैं। असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए बड़े नेताओं को मैदान में उतारा गया है। 
ग्वालियर चंबल संभाग की भिण्ड लोकसभा सीट पर भाजपा द्वारा पूर्व विधायक संध्या राय को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद पांच बार के भाजपा संासद अशोक अर्गल ने बगावत का दामन थाम लिया है। उन्होंने संध्या राय की उम्मीदवारी पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है और पार्टी छोडऩे के संकेत दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि उनकी कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी बात हो चुकी है और यदि कांग्रेस उन्हें भिण्ड से उम्मीदवार बनाती है तो वह भाजपा छोड़ देंगे। श्री अर्गल की पीड़ा हेै कि वह एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं और इसके बाद भी पहले 2014 में उनका टिकट काटा गया और इस बार भी उनकी उम्मीदवारी पर गौर नहीं किया गया। श्री अर्गल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के रवैये से भी काफी खफा हैं। सीधी लोकसभा क्षेत्र में रीति पाठक को उम्मीदवार बनाए जाने का भी जमकर विरोध हो रहा है। सिंगरौली जिलाध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने खुलकर विरोध करते हुए प्रतिक्रिया दी है कि कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद पार्टी ने रीति को टिकट दिया है। शहडोल सीट पर भाजपा द्वारा सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काटे जाने से वह भी बहुत नाराज हैं। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बीजेपी के खिलाफ चुनाव लडऩे वाली प्रत्याशी को पार्टी ने टिकट दिया है जबकि उनकी निष्ठाओं को नजर अंदाज कर दिया गया है। ज्ञान सिंह ने पार्टी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है उन्होंने निर्दलीय रूप से चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 2016 में हुए उपचुनाव में उन्होंने जिस कांग्रेस उम्मीदवार को हराया है पार्टी ने उसी को मेरा टिकट काटकर प्रत्याशी घोषित किया है इसलिए अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। ज्ञान सिंह की नाराजगी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़े जाने के ऐलान के बाद भाजपा में हड़कंप व्याप्त हो गया है। प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने उनसे फोन पर चर्चा की है। भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री भी उन्हें मनाने के प्रयास में हैं। तीन बार मंत्री पद पर रहे ज्ञान सिंह शहडोल संभाग में कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं। ज्ञान सिंह ने कहा कि जब वे लोकसभा का उपचुनाव नहीं लडऩा चाहते थे तब उन्हें मंत्री पद से हटाकर जबरन लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया और जब वे चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं तो पार्टी ने उनसे पूछा नहीं है। मंदसौर से भाजपा द्वारा सुधीर गुप्ता को फिर से प्रत्याशी बनाने का भी विरोध शुरू हो गया है। किसान मोर्चे के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर खुद दावेदारी कर रहे थे। टिकट तय हो जाने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। राजगढ़ सांसद रोड़मल का टिकट काटने को लेकर भी कार्यकर्ता सड़क पर हैं जबकि विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नि साधना सिंह को टिकट देने का उनके परिवार में ही विरोध हो रहा है। मुरैना में टिकट काटे जाने के बाद सांसद अनूप मिश्रा ने अभी अपना मुंह नहीं खोला है, लेकिन वह नाराज बताए जा रहे हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। भिण्ड सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद भी टिकट कटने से नाराज हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने स्थानीय मतदाताओं का आभार माना है जबकि भाजपा संगठन पर सवाल उठाए हैं। 


कांग्रेस में भी उठ रहे हैं बगावत के स्वर 
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभी तक सिर्फ 9 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, लेकिन विरोध के स्वर शुरू हो गए हैं। खण्डवा से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध हो रहा है। स्थानीय नेताओं ने इसका खुलकर विरोध किया है। निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह शेरा अपनी पत्नि के लिए टिकट मांग रहे हैं। वे यादव का खुलकर विरोध कर रहे हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Kedar Singh Goliya, Mo.- 7999366077
school add  1



......

......

------------

-------------


-------
---------






Page settings Search Description Options Changes savedPage: Edit