शिवपुरी। देश के राज्यों में मप्र की बदनामी करा चुके सिकन्दरा चैक पोस्ट एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है। ट्रक चालकों की मानें तो जब से प्रभारी ने कमान संभाली है तब से चेक पोस्ट प्राइवेट कटरों (गुंडे) के हाथों में है और मानो वाहन चालकों की तो सामत आ गई है क्योंकि यहां बिना रुपए कोई वाहन खुल नहीं सकता। यदि वाहन चालक द्वारा पैसे देने से इनकार किया जाता है तो उनके साथ पहले अभद्रता और फिर मारपीट तक कर दी जाती है।
एंट्री के नाम पर वसूली
पीडि़तों की मानें तो जिन लोगों ने इस चेक पोस्ट को ठेके पर उठा रखा है उनके द्वारा वाहन चालकों से एंट्री के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। यदि कोई विरोध करता है तो उनके साथ मारपीट की दी जाती है जबकि पीडि़त की सुनने वाला कोई धनी धोरी नहीं है। इसका कारण है कि यहां से आने वाली मोटी कमाई का कुछ हिस्सा प्रभारी एवं ठेकेदारों द्वारा ऊपर के लोगों को देकर उनकी जुबान पर लगाम लगा दी है।
अपने आपको बताते हैं कमीश्रर से भी बड़ा
सिकंदरा पोस्ट पर पदस्थ लोगों से जब चर्चा की जाती है तो उनका जबाव बड़ा ही निराला होता है और कहते हैं कि हमारा बिगाडऩे वाला है कौन? यह सब हमारी सेटिंग का खेल है और रही बात ट्रांसपोर्ट कमिश्रर की तो वह हमारी जेब में है। इस तरह बेखौफ अंदाज में वसूली से एक फिर प्रदेश देशभर में बदनाम होने की कगार पर है।







