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प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण से ही हमारा अस्तित्व: डीपीसी सिरकवार

  • स्कूलों में पर्यावरणीय जागरुकता से बदलेगी तस्वीर: संभागीय सलाहकार त्रिवेदी
  • माधवचौक स्कूल परिसर में ईको क्लब फॉर मिशन लाइफ के तहत रोपे पौधे, छात्रों से किया संवाद

माधवचौक स्थित छात्रावास के पीछे पौधारोपण करते डीपीसी, डीईओ सहित अन्य अधिकारी। 

शिवपुरी। प्रकृति और मानवता के बीच गहरे संबंधों का विवरण हमारे साहित्य में वर्षों से उल्लेखित है और प्रकृति तथा पर्यावरण संरक्षण से ही भविष्य में हमारा अस्तित्व बचा रहेगा। जिस तरह आपके अभिभावक आपकी देखभाल करते हैं ऐसे ही हम सबको मिलकर रोपे गए पौधों की देखभाल करनी है, यह बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशानुसार 22 जुलाई से जारी शिक्षा सप्ताह के छठवे दिन माधवचौक स्कूल परिसर में आयोजित पौधारोपण के बाद छात्रों से संवाद करते हुए डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार ने कही।
कार्यक्रम को संबोधित करते डीपीसी सिकरवार।

ग्वालियर से आए जल एवं स्वच्छता के संभागीय सलाहकार अतुल त्रिवेदी ने मिशन जीवन दिवस का उद्देश्य बताते हुए पर्यावरण के प्रति जागरुक एवं प्रकृति के प्रति लगाव पैदा करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में पर्यावरणीय जागरुकता को बढ़ावा देकर हम तस्वीर बदल सकते हैं। त्रिवेदी ने ईको क्लब फॉर मिशन लाइफ के गठन पर भी जोर दिया। इससे पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ की मौजूदगी में विद्यालय परिसर में फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एपीसी उमेश करारे, मुकेश पाठक, संतोष गर्ग, जिला पंचायत के जिला समन्वयक सत्यमूर्ति पाण्डेय, बीएसी अरविंद वर्मा, सुनील राठौर के अलावा माधवचौक स्कूल के प्रधानाध्यापक रोहणी अवस्थी, शिक्षक विजय पाठक, सुभाष चालीसगांवकर, संजय श्रीवास्तव, बृजमोहन यादव, गजेन्द्र यादव, विमल मिंज, रेखा पाल, सरिता शर्मा, प्रदीप भागौरिया, रुचि शर्मा, प्रीति राठौर, प्रीति श्रीवास्तव, सालिनी शर्मा आदि मौजूद थे। 
बच्चों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर जानकारी देते संभागीय सलाहकार त्रिवेदी।

  • स्वच्छता व अध्ययन पर दिया जोर

स्कूल के बच्चों से संवाद के दौरान संभागीय सलाहकार अतुल त्रिवेदी ने पर्यावरणीय मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और संसाधनों की कमी के बारे में सरल ढंग से समझाया, साथ ही स्कूल स्वच्छता अंतर्गत साबुन से हाथ धुलाई व स्वच्छता के अन्य घटकों पर जानकारी देते हुए स्वच्छता के महत्व को बताया। डीपीसी सिरकवार ने सफल कार्यक्रम के लिए विद्यालय स्टाफ व बच्चों की सराहना करते हुए पौधों की सुरक्षा व पोषण के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने संस्कृत केश्लोक के माध्यम से बच्चों को अध्ययन के लिए प्रेरित करने हेतु एक छात्र में आवश्यक पाँच लक्षणों का उल्लेख किया कि छात्र में कौवा की तरह दृष्टि, बगुले की तरह ध्यान, श्वान की तरह नींद एवं अल्पहारी व एकाग्र होना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिवार ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए रोपे गए पौधों की देखभाल करने का भरोसा अतिथियों को दिया। 





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